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रविवार, 19 जून 2016

भजनमाला -----45

वो खुशनसीब है जिसको तुम्हारा द्वार मिला 
नसीब चमका और चैन बेशुमार मिला 

जमाने भर की हमने तो खाई ठोकर माँ 
तेरी शरण में आके ज़रा करार मिला 

किये सितम जो जमाने ने कैसे बतलाएँ 
मिला सुकून जो मुझको तेरा दुलार मिला 

मईया जी तुम न कभी भूलकर खफा होना 
तेरे सिवा  न मुझे कोई राज़दार मिला 

तेरी शरण हूँ मईया तुम न मुझको ठुकराना 
जमाने भर से सिला गम का बार बार मिला 
@मीना गुलियानी 

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