तुझपे ये दिल निसार क्यों
जाने है तुमसे प्यार क्यों
रहता है दिल बेकरार क्यों
कैसे बता सकूँगा मैँ
पहले तुम्हारे गाँव में
पेड़ों की घनी छाँव में
आँखे हुई थी चार क्यों
कैसे बता सकूँगा मैँ
तुमको नज़र में बंद किया
दिल ने तुम्हें पसंद किया
जीना हुआ दुश्वार क्यों
कैसे बता सकूँगा मैँ
दुनिया में कुछ कमी नहीं
फिर भी तुम्हारी याद में
रहता हूँ बेकरार क्यों
कैसे बता सकूँगा मैँ
@मीना गुलियानी
जाने है तुमसे प्यार क्यों
रहता है दिल बेकरार क्यों
कैसे बता सकूँगा मैँ
पहले तुम्हारे गाँव में
पेड़ों की घनी छाँव में
आँखे हुई थी चार क्यों
कैसे बता सकूँगा मैँ
तुमको नज़र में बंद किया
दिल ने तुम्हें पसंद किया
जीना हुआ दुश्वार क्यों
कैसे बता सकूँगा मैँ
दुनिया में कुछ कमी नहीं
फिर भी तुम्हारी याद में
रहता हूँ बेकरार क्यों
कैसे बता सकूँगा मैँ
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें