चाँद भी मुझसे जल रहा होगा
चाँदनी भी पिघल रही होगी
जब तू नहाकर निकली होगी
आग पानी में लग रही होगी
संगमरमरी बदन हे ऐसा तेरा
हर निगाह फिसल रही होगी
तुझको बनाया है खुदा ने ऐसा
आरजू भी मचल रही होगी
@मीना गुलियानी
चाँदनी भी पिघल रही होगी
जब तू नहाकर निकली होगी
आग पानी में लग रही होगी
संगमरमरी बदन हे ऐसा तेरा
हर निगाह फिसल रही होगी
तुझको बनाया है खुदा ने ऐसा
आरजू भी मचल रही होगी
@मीना गुलियानी
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