अपने विषय में ज्यादा कुछ न कहकर सिर्फ इतना ही कहूँगी कि दिल्ली में मेरा जन्म हुआ फिर
विवाहोपरांत जयपुर की होकर रह गई । जयपुर से ही तकनीकी शिक्षा विभाग में कार्यरत्त रहते हुए
वरिष्ठ अनुदेशिका के पद से सेवानिवृत हुई । हिंदी साहित्य में मैंने एम ए किया एवं महाकवि सूरदास
तुलसीदास , जयशंकर प्रसाद आदि मेरे प्रिय कवि रहे । मुंशी प्रेमचंद , शरतचन्द्र , भगवतीचरण वर्मा ,
विमलमित्र आदि मेरे प्रिय उपन्यासकार रहे है ।
बचपन से ही मुझे लिखने का शौक रहा है । मेरी पाँच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है जिनमें से चार
पुस्तकें धार्मिक (भजनों पर आधारित ) है व एक पुस्तक में कविताओं का समावेश है । इनके
अतिरिक्त एक अन्य पुस्तक जिसमे 102 कविताओं का संग्रह है ,शीघ्र ही प्रकाशित होने जा रही है ।
अब यह पुस्तक विद्यार्थियों को छन्द, अलंकार व शब्द-शक्तियों का ज्ञान सरलता से कराने में सक्षम
होगी ऐसा मैँ मानती हूँ । यह पुस्तक पढ़ने के उपरान्त अपने विचार अवश्य ही मुझे
meenagulyani@gmail.com पर प्रेषित करें. ।\
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