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रविवार, 19 जून 2016

आत्मनिवेदन



अपने विषय में ज्यादा कुछ न कहकर सिर्फ इतना ही कहूँगी कि दिल्ली में मेरा जन्म हुआ फिर 

विवाहोपरांत जयपुर की होकर रह गई ।   जयपुर से ही तकनीकी शिक्षा विभाग में कार्यरत्त रहते हुए 

 वरिष्ठ अनुदेशिका के पद से सेवानिवृत हुई ।  हिंदी साहित्य में मैंने एम ए किया एवं महाकवि सूरदास 

तुलसीदास , जयशंकर प्रसाद आदि मेरे प्रिय कवि रहे ।   मुंशी प्रेमचंद , शरतचन्द्र , भगवतीचरण वर्मा ,

विमलमित्र आदि मेरे प्रिय उपन्यासकार रहे है । 


बचपन से ही मुझे लिखने का शौक रहा है ।   मेरी पाँच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है  जिनमें से चार 

पुस्तकें धार्मिक (भजनों पर आधारित ) है व एक पुस्तक में कविताओं का समावेश है ।   इनके 

अतिरिक्त एक अन्य पुस्तक जिसमे 102  कविताओं का संग्रह है ,शीघ्र ही प्रकाशित होने जा रही है । 


अब यह पुस्तक विद्यार्थियों को छन्द, अलंकार व शब्द-शक्तियों का ज्ञान सरलता से कराने में सक्षम 

होगी ऐसा मैँ मानती हूँ ।   यह पुस्तक पढ़ने के उपरान्त अपने विचार अवश्य ही मुझे 

meenagulyani@gmail.com  पर प्रेषित करें. ।\

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