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बुधवार, 30 सितंबर 2020
तर्ज़ --जादूगर सैंया
तर्ज़ --आवाज़ देके हमें तुम बुलाओ
तर्ज़--तुम बिन जीवन कैसे बीता
मंगलवार, 29 सितंबर 2020
तर्ज़ --जिया बेकरार है
तर्ज --यहाँ कोई नहीँ है
तर्ज़ --लेके पहला पहला प्यार
तर्ज़ --कीर्तन
तर्ज़ - माँ मुझे अपने आँचल में
तर्ज़ --दिल के अरमां
गुरूजी तेरे दर पे मैं तो आ गया
हाले दिल तुमको सुनाने आ गया
दुनिया ने लाखों सितम मुझ पर किये
दिल का दुखड़ा मैं बताने आ गया
सोचता था दास्ताँ तुझसे कहूँ
लगता है अब तो ठिकाने आ गया
सर पे मेरे अवगुणों की पोटली
सर झुकाके तेरे दर मैं आ गया
तेरी महिमा जबसे मैंने भी सुनी
तकदीर अपनी मैं जगाने आ गया
@मीना गुलियानी
तर्ज़ --इक प्यार का नगमा है
सोमवार, 28 सितंबर 2020
तर्ज़ --ओ फिरकी वाली तू कल फिर आना
मेरे गुरूजी दर्श दिखलाना तू जल्दी आना
प्यारा तेरा नाम रे तेरी राह निहारुँ सुबह शाम रे
हर पल तेरी गुरूजी राह निहारुँ दिल को मेरे न तरसाओ
बदल भी दो मेरी किस्मत की रेखा सोया भाग्य जगा जाओ
गुरूजी आओ दर्श दिखाना छोडो तुम तरसाना ----------
तेरी याद में नैन बावरे हर पल रोते रहते हैं
दर्शन के बिन व्याकुल नैना हर पल भीगे होते हैं
गुरूजी तेरे दर्शन चाहूँ और न कुछ भी मांगू
मेरी किस्मत को आप चमकाना दर्श दिखलाना
निराली तेरी शान रे बड़ा प्यारा लगे मुझे तेरा धाम रे -----
@मीना गुलियानी
तर्ज --आजा रे परदेसी
तर्ज़ --रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया
गुरूजी तेरे नाम को रटते गुज़री रे उमरिया
इन नैनों की प्यास बुझाने आओ मेरी झोंपड़िया
दर्शन के बिन प्यासे नैना हर पल तुझको ध्याते हैं
कब सुध लोगे हम दीनन की व्याकुल हम हो जाते हैं
आओ मेघ बन बरसो गुरूजी हमारी भी अटरिया ----
तेरे दर्शन के प्यासे दिल को चैन कहीं नहीं आता है
दे दो भिक्षा प्रेम की हमको दिल ये बड़ा रुलाता है
आओ तन मन शीतल करदो दर्शन दो सांवरिया --
भूलें हमारी भूल भी जाओ हमको आस तुम्हारी है
रास्ता भूलकर भटक गए हम रहम की आस हमारी है
अपने प्रेम की भिक्षा दे दो दर्शन दो सांवरिया ------
@मीना गुलियानी
तर्ज़ --दुनिया में ऐसा कहाँ सबका नसीब है
तेरे सिवा गुरूजी मेरा कोई नहीं है
आ जाओ दर्शन दो क्यों देर करी है
तेरी आस लेके आये तेरे दीवाने
तेरा ही सहारा हमको तुझको मनाने
तू जो मिल जाए तो किनारा भी करीब है ----
रहमो कर्म की गुरूजी वर्षा बरसाना
तुझ पर भरोसा हमको न ठुकराना
आये हैं सहारे तेरे हम खुशनसीब हैं --------
ढूंढ लिया है तुमको तुम न भुलाना
गुरूजी हमे तुम चरणी लगाना
पार लगाना तुम बचाना हमारा नसीब है ------
@मीना गुलियानी
तर्ज़ --वो दिल कहाँ से लाऊँ
तर्ज --बागी कोयला बोल रहियाँ
तर्ज़ --चली चली रे पतंग
तर्ज़ --कंकरिया मार के जगाया
सोढ़ाला में तूने भवन बनाया ,तेरे दर्शन करने को आज आया
करो कृपा आज गुरूजी
अष्टमी की घड़ी शुभ है आई, माँ शेरों वाली दर्शन देने आई
सबको माता ने दर्श दिखाया ------------------------------
पूरे होते सबके काम सारे ,दुखियारों की यहाँ लगीँ कतारें
माँगा वरदान किसी ने वो पाया ----------------------------
भूले भटके तेरे धाम जो आये , उनको गुरूजी पार लगायें
सफल हो गई इच्छा जो लाया ----------------------------
कृपा से संवरी किस्मत की रेखा ,जब जब भक्तों ने द्वारे मत्था टेका ,
गुरूजी का आर्शीवाद पाया ---------------------------------
@मीना गुलियानी
शनिवार, 26 सितंबर 2020
तर्ज़ --वादा न तोड़
तर्ज़ --ना मुँह छिपाके जियो
तर्ज़ --कजरा मुहब्बत वाला
तर्ज़ --आपकी नज़रों ने समझा
गुरूजी तेरे दर पे आया , यूँ न तू ठुकरा मुझे
तेरे दर दामन पसारा ,चरणों से तू लगा मुझे
तेरे द्वारे आ गया , गुरूजी मैं घबरा गया
अपने कर्मों को देखकर ,गुरूजी मैं शर्मा गया
माफ़ कर देना तू मुझको समझकर नादाँ मुझे -------
गुरूजी मैं नहीं पास हूँ ,फिर भी तेरा ही दास हूँ
विषयों ने भरमा दिया,मैं तो अब घबरा गया
तेरे चरणों में गिरा हूँ, गुरूजी तू अपना मुझे --------
@मीना गुलियानी
तर्ज़ --पंजाबी टप्पे
तर्ज़ --इक प्यार का नगमा है
शुक्रवार, 25 सितंबर 2020
तर्ज़ --दिल लूटने वाले जादूगर
तेरा सुमिरन मैं करती हूँ तेरा नाम ही मेरा सहारा है
इसी नाम को जपके लाखों ने पाया वरदान तुम्हारा है
लाखों को पार लगाते हो हर संकट से बचाते हो ,
नैया को तुम्हीं बचाते हो, पतवार से पार उतारा है ----
रक्षा करते हो सबकी तुम मुक्तिपथ तुम्हीं बताते हो
निर्बल का सहारा हो तुम ही तेरे नाम पे सब कुछ वारा है ---
द्वारे पे मेले लगते हैं यहाँ ढोल नगाड़े बजते हैं
दुखिया सुख पा जाता है मिलता जब उसे सहारा है ---
तुम सबकी लाज बचाते हो हर दुखिया को अपनाते हो
तेरे चरणों से बहती गंगा जो अमृत की इक धारा है ----
@मीना गुलियानी
तर्ज़ --इक परदेसी मेरा दिल ले गया
तर्ज़ - काला डोरिया कुंडे नाल अड्या
तर्ज़ -परदेसियों से न अखियाँ मिलाना
तर्ज़ -- घर आया मेरा परदेसी
नाम लगन दिल में जागी
मन मेरा हुआ अनुरागी
सत्संग से जोड़ा नाता
जग से तोडा हर नाता
गुरु चरणन से प्रीत लागी ----
सच से प्रीत जुडी ऐसे
मन वैरागी बना ऐसे
झूठ से हर तृष्णा भागी ---
गुरूजी ने ऐसा ज्ञान दिया
जीवन हमारा संवार दिया
नाम की जोत दिल में जागी ----
@मीना गुलियानी
तर्ज़ - बेकरार करके हमें यूँ न जाइये
तर्ज़ - सौ साल पहले मुझे तुमसे प्यार था
गुरु जी तुम्हारे दर का मैं सेवादार था
आज भी हूँ और कल भी रहूँगा
तुम बहुत दयालु हो सबसे प्रेम करते हो
जो कोई हो दीन दुखी उसका गम दूर करते हो
सदा करें याद तुमको दिल बेकरार था ---------
इस दिल को मिलता है करार दर पे आने से
नैया को मिले पतवार फ़िक्र न अब ज़माने से
भंवर में अटकी नैया करो भव से पार है -------
मैं तो हूँ अज्ञानी मुझे हर ज्ञान तुम दे दो
मेरे नैना हैं तरसें इन्हें दर्शन ज़रा दे दो
दिल को मेरे तेरे दर्शन की आस है ------
@मीना गुलियानी
तर्ज़ - चला चला रे ड्राइवर गाड़ी होले होले
चलो चलो रे गुरूजी धाम जय जय बोले
गुरूजी के भवन पे काहे मन डोले
सोडाला में धाम गुरूजी का देखो शोभा न्यारी
गुरूजी दर्शन की खातिर आवे संगत सारी -----
गुरु जी का तू नाम सुमिर ले छोड़ आसरा दूजा
मन में तू विश्वास जमा ले करले इनकी पूजा ----
तू भी नाम सुमिर ले भाई काहे ढूँढे मक्का
गुरूजी तेरे मन में रहता क्यों है हक्का बक्का ----
काहे न सुमिरे नाम तूने सारी उम्र गुज़ारी
क्या जाने करनी पड़ जाए चलने की तैयारी -----
@मीना गुलियानी
गुरुवार, 24 सितंबर 2020
तर्ज़ - सजन रे झूठ मत बोलो
तर्ज़ -ये दो दीवाने दिल के
तर्ज़ - लागी छूटे
तर्ज -जिसे तू कबूल करले
तेरे दर पे आ गई हूँ , झोली को मैं फैलाऊँ
भरदे जो झोली खाली वो दुआ कहाँ से लाऊँ
तुझे तो पूजते हैं सारे जहान वाले
खोले हैं तूने लाखों किस्मत के बंद ताले
हों मुरादें सबकी पूरी वो सदा कहाँ से लाऊँ -------
तेरे बिन जहान में तो मेरा न और दूजा
करती हूँ रात दिन मैं सिर्फ तेरी पूजा
जो बहार बनके बरसे वो घटा कहाँ से लाऊँ -------
@मीना गुलियानी
तर्ज --दिल लूटने वाले जादूगर
तर्ज - गरीबों की सुनो
तर्ज -बनवारी रे
तर्ज - होठों से छू लो तुम
गुरूजी तुम कृपा करो तेरे दर पर आऊँ मैं
मेरे सिर पर हाथ धरो तो भव तर जाऊँ मैं
तेरे सिवा न कोई मेरा
झूठा जग ये सारा है
तेरी कृपा से पाया
इक तेरा ये द्वारा है
तुम पार करो भव से
उस पार उतर जाऊँ मैं ----------------------
जिस पर कृपा होती
वो बन जाता है मोती
इस जग में वो चमके
जैसे हीरे की ज्योति
सच्चाई समझ आये तो
पल में ही उबर जाऊँ मैं -------------------
@मीना गुलियानी
तर्ज -पंजाबी कीर्तन
बुधवार, 23 सितंबर 2020
तर्ज ---कीर्तन
मैं तो भूल गया अपनी भी राह ,गुरूजी बचाने वालया
मुझे सत्यपथ बतला , नाम को जपाने वालया
कैसे करूँ पूजा करना न जानू
भटक गया हूँ कहना न मानूँ
मुझे सीधी राह बता -------------
तेरे सिवा मेरा कोई और नहीं है
मेरे लिए इस जहाँ में ठोर नहीं है
-मुझे अपनी शरण लगा ----------
भंवर में अपनी नाव पड़ी है
कैसे करूँ पार मुश्किल बड़ी है
मेरी पतवार चला --------------------
@मीना गुलियानी
तर्ज --तेरे पूजन को भगवान
तर्ज---रुक जा ओ जाने वाली
आजा ओ राही जाने वालया , गोकुल धाम तो बता जा
सबसे हारकर पूछा नाम पता तो बता जा ---------------
कहाँ रहते हैं गुरूजी , कहाँ उनका द्वारा है
सुनते हैं भक्तोँ को वो देते सहारा हैं ------------------------
पहुँचो तुम सोढ़ाला वहाँ धाम न्यारा है
संसार से ठुकराए पा जाते सहारा है ---------------------
जो निश्चा से आये लौटा न खाली है
झोली सबकी भरते जिसने भी पुकारा है --------------
@मीना गुलियानी
तर्ज --तुम बिन जीवन कैसे बीता
मैंने हर पल तुमको पुकारा
शरण तेरी आया गुरूजी ----
तेरा ही बस लिया सहारा
शरण तेरी आया गुरूजी -------
मोहमाया के बंधन कैसे कोई काटे
जितने दूर भी जाएँ उतने बढ़ते जाते
सर पे गुरूजी हाथ तुम्हारा ---शरण ----
माया की आंधी ने हर पल हमें नचाया
जितना दूर भी भागें सर पर गहरा साया
भवसागर से पार उतारा -----शरण ------
तृष्णा ने जी भर लूटा काम ,क्रोध बढ़ाया
तेरे नाम को जपते तेरे द्वारे आया
लिया है हमने तेरा सहारा -----शरण -----
@मीना गुलियानी
तर्ज -इक परदेसी मेरा दिल ले गया
मैं तो गुरूजी तेरी शरण आया ,डालो तुम अपनी मेहर का साया
होगा कल्याण जिसने शीश नवाया ,सब कुछ है वरदान में पाया
तेरे धाम की शोभा कितनी निराली
आये जो सवाली कभी जाए न खाली
मैं भी आज तेरी शरण में हूँ आया ---------------------------------
सुनते हो पुकार सबकी जो भी पुकारे
तेरी शरण हम आए दे दो सहारे
अपनी इच्छा पूरी करने हूँ आया ------------------------------------
कितनी बार पुकारा तुम नहीं आये
सोचके मेरा मन घबराये
तेरे काबिल बनने हूँ आया
@मीना गुलियानी
(तर्ज -दिल तोडना किसी का )
-बिगड़ी बनाने वाले गुरूजी एक तू है
जिसका न कोई जग में उसका सदा ही तू है
तेरा नाम सुनके आया , जग का हूँ मैं सताया
कुछ नज़रे करम करना ,डालो मेहर का साया
दिल की सदाएँ सुनलो मेरा एक तू है ---------
जाऊँ किधर यहाँ से , तू ही ज़रा बता दे
है कौन और मेरा ,तू ही मुझे बता दे
मेरा वास्ता तुझी से मेरी आत्मा भी तू है -----------
तेरे सिवा न कोई ,सुनलो मेरी कहानी
मैं तो फंसी हूँ जग में ,रिश्तों से हार मानी
तू ही मेरी आरजू है तू ही मेरी जुस्तजू है --------
@मीना गुलियानी
तर्ज- एक बार आओ जी जवाई जी
एक बार आओ जी गुरूजी म्हारे आंगणा
थाने याद करूँ मैं दिन रात ----गुरूजी ----------
सब दुनिया ने मालूम होवे गुरूजी म्हारे घर आये
थांकी पूजा करूँली दिन रात -----गुरूजी ---------
सब दुनिया से लागे मीठो थांका नाम प्यारो
थारी जोत जलाऊँ दिन रात -----गुरूजी ----------
सब दुनिया जाणे है गुरूजी थारी महिमा भारी
गुण गाऊँगी तिहारे दिन रात -----गुरूजी --------
सारी दुनिया थांकी गुरूजी जय जयकार बुलावे
थांकी झांकी निहारूँ दिन रात -------गुरूजी -------
@मीना गुलियानी
गुरुवार, 17 सितंबर 2020
कबीर जी का भजन
कबीर जी का भजन
मन लागयो मेरो यार फकीरी में
जो सुख पायो नाम भजन में सो सुख नाहीं अमीरी में
भला बुरा सबको सुन लीजे , करि गुजरान गरीबी में
प्रेम नगर में रहनी हमारी , भलि बनी आई सबूरी में
हाथ में कुडी बगल में सोटा , चारों दिशा जागीरी में
आखिर ये तन ख़ाक मिलेगा ,काहे फिरत मगरूरी में
कहत कबीर सुनो भई साधो ,साहिब मिले सबूरी में
कबीर जी का भजन
कबीर जी का भजन
क्या तन माँजता रे , इक दिन माटी में मिल जाना
जब तक तेल दिए में बाती जगमग जगमग होये
बीता तेल निपट गई बाती ले चल ले चल होये -----------
छेलो बनकर फिरे जगत में धर पगड़ी में फूल
कालबली का लगे तमाचा जाए चौकड़ी भूल ---------------
हाड जले जस लाकड़ी रे केस जले जस घासा रे
सोने जैसी काया जल गई कोई न आवे पासा ---------------
घर की तिरया झुर झुर रोवे बिछुड़ गई मेरी जोड़ी रे
कहत कबीर सुनो भई साधो जिस जोड़ी तिस तोड़ी -----
(कबीर जी के भजन ) चुनर मोरी रंग डारी
(कबीर जी के भजन )
मोरे सतगुरु हैं जी रंगरेज़ चुनर मोरी रंग डारी
शाही रंग छुडाके दिया मँझीठा रंग
धोबी से छूटे नहीं दिन दिन होत सुरंग ---------
भाव के कुंड नेह के जल में प्रेम रंग दई बोर
चस्के चास लगाई के रे खूब रंगी रे झकजोर -------
सतगुरु ने चुनरी रंगी रे सतगुरु चतुर सुजान
सब कुछ उन पर वार दूँ मैं तन मन और ये प्राण ------
सतगुरु की महिम अनन्त अनन्त किया उपकार
लोचन अनन्त उघाड़या अनंत दिखावण हार ----------
कहे कबीर रंगरेज़ गुरूजी मुझपे हुए दयाल
शीतल चुनरी ओढ़के मैं मगन भई हो निहाल ----------
@मीना गुलियानी
मन गा ले प्रभु के गीत (तर्ज़ --आ लौट के आजा --वैराग्य )
मन गा ले प्रभु के गीत , हरि से प्रीत लगा ले
तेरा जीवन होये सुरजीत हरि से प्रीत लगा ले
माया लगन किया तुझको मगन
तृष्णा की अग्नि को बढ़ाया
जीवन भर में कपट किये तूने
नाम प्रभु का न गाया
जप नाम होये तब जीत ---------
जगत है सपना कुछ भी न अपना
जाना यहाँ से अकेला
तेरी जवानी है बुदबुदा पानी
दुनिया हे दो दिन का मेला
ये जीवन न जाए बीत -------------
@मीना गुलियानी
बुधवार, 16 सितंबर 2020
कर भजन तू रे बंदे (तर्ज़ - चल उड़ जा रे पंछी ---वैराग्य )
कर भजन तू रे बंदे की इक दिन छोड़के ये जग है जाना
तोड़ दे झूठे मोह के बंधन क्यों इनमे भरमाया
छोड़ दे इस झूठी क्यों संसार बसाया
क्यों तू भूल गया रे ---साथ न कुछ भी जाना ----------
विषयों की भूल भुलैया में तू वचन गर्भ का भूला
ईश्वर सुमिरण कर न पाया यौवन में तू फूला
तन पर कर अभिमान रे बंदे ----अब है पड़ा पछताना -------
ये जग है इक पंछी का डेरा छोड़के इक दिन उड़ना
नाम बाबा का जप ले तू जो भव से पार उतरना
छोड़के झूठे धंधे जग के -----गुरूजी की शरण में आना --------
बाबा का नाम पतितपावन है तर गए पापी सारे
गौतमी और अहिल्याबाई शाप के मारे
है मेरा बाबा दयालु ऐसा ---पल में मिले ठिकाना ----------
@मीना गुलियानी
है मेरा बाबा दयालु ऐसा -----पल में मिले ठिकाना ---------
@मीना गुलियानी
रे मन अब तो चेत रे बिरथा जन्म न जाये ------(वैराग्य)
रे मन अब तो चेत रे - बिरथा जन्म न जाए
काहे को तूने महल बनाया
चार दिनों का देस रे-------- - बिरथा जन्म न जाए
कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी
कपट का धरकर भेस रे --- बिरथा जन्म न जाए
रैन दिवस तूने यूँ ही गँवायो
भूल गया निज भेस रे बिरथा जन्म न जाए
चेत सके तो चेत रे बंदे
क्या होवे चुग जाए खेत रे बिरथा जन्म न जाए
हाड़ मांस की काय टोरी
प्रीति कीन्ही किस हेत रे बिरथा जन्म न जाए
अब रोने से क्या होवेगा
कल ने पास दिया फैंक रे बिरथा जन्म न जाए
चार कहार तुझे लेने आये
छोड़ चला परदेस रे बिरथा जन्म न जाए
@मीना गुलियानी
छोड़के जग को है इक दिन जाना(तर्ज - परदेसियों से न अखियाँ मिलाना ---वैराग्य )
छोड़के जग को है इक दिन जाना
भूल न जाना बंदे भूल न जाना
ये तो है इक रैन बसेरा किसका रहा है सदा बसेरा
हुआ सवेरा अब उड़के है जाना --------------------
ये तन है मिट्टी का खिलौना माटी से हुआ पैदा माटी में मिलना
मोहमाया में तू मत भरमाना ------------------------------------
झूठी हे ये दुनिया सारी स्वार्थ की प्रीती सारी
फंस गया तो फिर पड़े पछताना -------------------------------
भज गुरूजी का नाम हे बंदे जीवन को तू सुधार ले बंदे
चौरासी के फंदे में न आना ----------------------------------
भवसागर में मेरी नैया पार उतारो मोरे खिवैया
गुरूजी मुझे तुम पार लगाना --------------------------------
@मीना गुलियानी
बीती भजन बिन तेरी जिंदगानी (तर्ज - भूली बिसरी एक कहानी --वैराग्य )
बीती भजन बिन तेरी जिंदगानी
होने को आई खत्म कहानी
वचन गर्भ में किया उसे भूल गया वादा तोड़ दिया
बहुत करर्ली तूने ये मनमानी -----------------------
पैसे पे गुमान किया नुक्सान किया अभिमान किया
अब न चलेगी चाल पुरानी ---------------------------------
रिश्तों से प्यार किया एतबार किया अहंकार किया
बिसर गई सब प्रीत पुरानी ----------------------------------
विषयों ने दास किया मोह ने घेर लिया मजबूर किया
कैसी हठ थी ये अनजानी ----------------------------------
जीवन बेकार किया न भजन किया न सुधार किया
अब टपकाये आँख से पानी ---------------------------------
डोली में सवार किया, नाता तोड़ लिया मुख मोड़ लिया
जिंदगी की यही रीत पुरानी ------------------------------
@मीना गुलियानी
अगर मुक्ति को पाना है ---(तर्ज -कीर्तन वैराग्य )
करो नित नाम का सुमिरन अगर मुक्ति को पाना है -
अरे पगले ये वो घर है जो इक दिन छोड़ जाना है
अवस्था जा रही तेरी बना ले नाम सुमिरण से
वो खर्ची साथ ले अपने वहाँ पर पहुँच जाना है
किया नहीं कर्म शुभ तूने दिया नहीं दान हाथों से
जिव्हा से न किया सुमिरण तेरा किस जगह ठिकाना है
तेरा दमदम में दम जाता तुझे कुछ नज़र नहीं आता
तेरी करतूत का पर्चा तेरे दर पे भी आना है
जो रिश्तेदार हैं तेरे जिन्हें तुझसे ये उल्फत है
तेरे इस जिस्म को अग्नि पर रखके फिर जलाना है
@मीना गुलियानी
गुरु बिन तेरो कौन सहाई------------ (वैराग्य )
गुरु बिन तेरो कौन सहाई , मात पिता सुत नारी भाई
अंत सहायक नाहीं ------------------------------------
क्यों करता है मेरी मेरी, ये तन एक राख की ढेरी
छोड़के पिंजरा इक दिन उड़ना क्यों ये प्रीत लगाई
तज दे झूठी माया काया क्यों मानव इसमें भरमाया
गुरु जी ने सच्चा तत्व बताया वो ही तेरा सहाई
ये जग है इक झूठी माया कंचन जैसा महल बनाया
तूने माया में मन को रमाकर चैन गंवा दिया भाई
गुरु को मीत बनाले अपना ये जग है इक झूठा सपना
छूटेंगे जिस दिन प्राण तेरे तो हंस अकेला जाई
@मीना गुलियानी
बन्दे न भूल प्रभु संसार से जाना है(तर्ज -होठों से छू लो तुम - वैराग्य )
बन्दे न भूल प्रभु संसार से जाना है ---------
तू छोड़ दे सब बंधन न पल का ठिकाना है
यहाँ मात पिता भाई मतलब के साथी हैं
जब स्वार्थ निकल जाए तेरे संघाती हैं
ये दुनिया दो दिन की जो मुसाफिरखाना है -------
यहाँ रावण से योद्धा आये और चलते गए
कई वीर सिकंदर से हाथों को मलते गए
रह गया यहीं उनका सब माल खज़ाना है ----------------
धन दौलत और माया न संग में जायेगी
दुनिया की हर वस्तु यही पे रह जायेगी
माटी से तू आया माटी में समाना है -------------
सुन अंत समय तेरे कुछ भी न जाएगा
भज ले हरि को प्राणी नहीं फिर पछतायेगा
सब छोड़के तू बन जा प्रभु का दीवाना है ------------
@मीना गुलियानी
मंगलवार, 15 सितंबर 2020
बाबा जी की स्तुति (गुरुजान जी की )
गुरुजान जी की आरती
बिगड़ी बनाने वाले गुरू जी एक तू है
बिगड़ी बनाने वाले गुरू जी एक तू है
जिसका न कोई जग में उसका सदा ही तू है
तेरा नाम है वो साधन भव पार जो कराये
तेरे द्वारे आने वाले आते हैं बिन बुलाये
लेके आस जो भी आये उसका सदा ही तू है
मैं तो हूँ अज्ञानी गुरूजी कृपा तो करना
दोनों हाथो से मेरी खाली झोली आज भरना
तेरे नाम का सहारा मेरा आसरा भी तू है
तेरा द्वार छोड़कर मैं जाऊँ कहाँ बता दे
मैं आस का हूँ पंछी मुझे रास्ता दिखा दे
मैं धूल तेरे चरणन की मेरा पासबाँ भी तू है
@मीना गुलियानी
सोमवार, 14 सितंबर 2020
गुरु जी की स्तुति
पहले गुरु महाराज को मनाएँ , फिर शुभ काम करें
उनके चरणों से शीश झुकाएँ ,फिर शुभ काम करें
रूप गुरूजी का कितना है न्यारा
जैसे सूरज चाँद और तारा
अलख निरंजन रूप ध्यायें -----------------------------
धाम गुरूजी का इतना प्यारा
सोढ़ाला में है इनका द्वारा
इनके चरणों में हाज़री लगायें -------------------------
जो भी दुखिया दर पे आये
खाली झोली भराके ले जाए
उनके चरणों में शीश नवाएँ -----------------------------
जो कोई इनकी शरण में आये
दूर भाग जाएँ काले साये
रहमत गुरूजी उसपे बरसाएँ ---------------------------------
@मीना गुलियानी
आरती
आरती तेरी गुरूजी मैं गाऊं
नित चरणन में शीश नवाऊँ
जब विपदा ने मुझे सताया
गुरूजी आपने मुझे बचाया
कैसे मैं उपकार भुलाऊँ -------------------
हम अज्ञानी आये दर पर तेरे
छाये हैं घनघोर अँधेरे
बंधन काटो मुक्ति पथ पाऊँ --------
माया ने हमको उलझाया
गुरूजी ने सत्यपथ बतलाया
कृपा करो तो पग मैं बढ़ाऊँ ----------
लख चौरासी के हैं फेरे
काटो भवबंधन के घेरे
भवसागर से मैं तर जाऊँ -----------
@मीना गुलियानी
द्वारे से ख़ुशी मिल जाती है (चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है)
आ जाओ आ जाओ आ जाओ (तर्ज यहाँ कोई नहीं तेरा मेरे सिवा कहती है )
मेरे दिल ने तुझे ही दी है सदा , मेरी बारी मत देर लगा
तुम सुनके सदा मेरी आ जाओ आ जाओ आ जाओ
मेरे दिल की धड़कने तेरा नाम ले रही हैं
मेरी नाव की पतवार गुरु जी तुझे ही दी है
जीवन की धूप छाँव गुरु जी तुझे ही दी है
मैंने सांसो की डोरी गुरु जी तुझे ही दी है
जीवन की रेखा भी तेरा नाम ले रही है
हर दिल की तूने गुरूजी मुरादें पूरी की हैं
@मीना गुलियानी
चलें हम चलें हम गुरु जी के द्वार (तर्ज ये दो दीवाने दिल के )
आओ भक्त सारे मिलके जी नाम उनका जपते
चलें हम चलें हम गुरु जी के द्वार
गुरु जी के द्वारे का अलग नज़ारा
सुंदर है कितना लगता है प्यारा
तराने गाएँ मिलके जी मन की लगन के --------
देखा हे संसार कितना है खोटा
हर पल यहाँ बस धोखा ही धोखा
तृष्णा को मिटाएँ गुरूजी के गुण गाएँ ------------
दिलों के अरमां वो सबके पुजाएँ
आओ सब मिलके जयकारा बुलाएँ
आया जो सवाली लौटा कभी न खाली ----------
@मीना गुलियानी
तेरा इंतज़ार आज भी है (तर्ज -किसी नज़र को तेरा इंतज़ार )
मेरी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है
चले भी आओ कि दिल बेकरार आज भी है
वो रास्ते हैं मुबारक जहाँ से तुम गुज़रे
शूल भी फूल बने वो बहार आज भी है -------
तेरे चरणों की धूल मैंने पाई थी जहाँ
ज़र्रे ज़र्रे पे उसके निशान आज भी है -----------
तेरे दीदार को तरस रही हैं आँखे मेरी
चले भी आओ इन्हें इंतज़ार आज भी है -------
@मीना गुलियानी
कटे यम फांसी रे (तर्ज --दर्शन दो घनश्याम )
रे मन जपले नाम गुरूजी का
कटे यम फांसी रे
मुक्ति का पथ बतलाएँ तुमको
सीधी राह पे लाएँ वो तुमको
सारी विपदा टल जाती
मृत्यु टल जाती रे -----------
द्वार तेरे पे जो भी आते
मांगी मुरादें तुझसे हैं पाते
अंतर्मन में तुम्ही विराजे
घट घट वासी रे -----------------------
नैनन में कोई बसे न दूजा
करूँ मैं निशदिन तेरी ही पूजा
दिल की खिड़की खोलके पाया
प्रभु अविनाशी रे -------------------
@मीना गुलियानी
तुम्हें मैंने पुकारा है (तर्ज --है अपना दिल तो आवारा )
है तेरा ही हमें आसरा तुम्हें मैंने पुकारा है
देना शरण हमे अपनी तुम्हारा ही सहारा है
दिल से ध्याऊँ तुम्हें मैं मनाऊँ
तुम्ही से लौ लगाऊँ तू दर्श दिखा
दिल भोला है बेचारा तुम्हें --------------
कबसे मैंने ठाना तुझे अपना माना
दुनिया से बेगाना हूँ तेरा सदा
दे दो रहमत का इशारा तुम्हें ----------------
दर्श का दिल दीवाना तुम्हीं को पहचाना
न रूठो तुम दी दिल ने सदा
द्वारे पे दामन पसारा तुम्हें ------------------
@मीना गुलियानी
मैं तो आऊँगी (तर्ज -मेरा बलमा रंग रंगीला )
तेरा भवन है रंग रंगीला मैं तो आऊँगी
तेरे नाम की हो रही लीला मैं तो आऊँगी
बिगड़ी बनाये भाग्य जगाये मैं तो आऊँगी
द्वारे से तेरे गुरूजी मांगी मुरादें पायें
भक्त प्यारे दीवाने नाम को तेरे गाएँ
भजन सुनाते तुमको हैं ध्याते मैं तो आऊँगी
नाम तेरे की महिमा कितनी गुरूजी निराली
कभी लौटाया न दर से जो भी आया सवाली
गन तेरे गाएँ खुशियाँ मनाएँ मैं तो आऊँगी
तेरे भवन में गुरूजी कितने मेले लगते
अष्टमी के दिन गुरूजी सबकी झोली भरते
माँ की सवारी लगती है प्यारी मैं तो आऊँगी
@मीना गुलियानी
दुनिया से हमे लेना क्या (तर्ज --मन लाग्यो मेरो यार फकीरी में )
मेरा मन करे याद गुरूजी तुमको दुनिया से हमे लेना क्या
हर पल देती हमें ये धोखा ----------------------------------
-भला बुरा सबका सुनके हम
करें गुज़ारा गरीबी में ----------------------------------------
चारों तरफ दीखे अँधियारा
प्रकाश पायो सबूरी में -------------------------------------------
करें वंदना तेरी बनो तुम सहाई
क्यों गुमान अमीरी में -------------------------------------------
@मीना गुलियानी
गुरूजी तुमको आना पड़ेगा (तर्ज जिंदगी प्यार का गीत है )
तेरे भक्त पुकारें तुझे गुरूजी तुमको आना पड़ेगा
सांसो की डोर हाथ तेरे हमें जीना सिखाना पड़ेगा
तुझे हर पल ध्याते हैं हम , तेरे नाम को रटते हैं हम
माफ़ करदो गलती मेरी तुझे वचन निभाना पड़ेगा ------
मेरे सर पे तेरा हाथ हो,गुरूजी दर्शन की आस हो
चाहे दुनिया ठुकराए हमको ,तुमको साथ निभाना पड़ेगा ------
देखो जीवन ये बीत रहा रास्ता बड़ा मुश्किल भरा
कितनी पथरीली जीवन डगर है फिर भी रास्ता बनाना पड़ेगा ----
@मीना गुलियानी
रविवार, 13 सितंबर 2020
दिल करता ओ गुरू महाराज(तर्ज --दिल करता ओ यारा दिलदारा )
दिल करता ओ गुरू महाराज मेरा दिल करता
दर तेरे पे आऊँ फूलों की माला पहनाऊँ
दर पे डेरे लगाऊँ ------------------------------
तेरा प्यारा भवन जी कितना रंगीला है
हर पल लग रही भक्तों की लीला है
करदो निहाल सबको ---जिसने पुकारा है ----
अपने भक्तों की तुम रखते हो लाज जी
तभी तो सारे भक्त करते हैं आस जी
बनके सवाली मैं भी----- दर तेरे आया --
दर्शन की प्यास मुझे कुछ भी न मांगू
दर्श जो भिक्षा दे दो कुछ न मांगू
भक्ति में डूबे सारे -----भक्तों ने पुकारा ------
@मीना गुलियानी
चले हम गुरूजी के द्वार (तर्ज --ये दो दीवाने दिल के )
मिटेंगे दुःख तन के जी मन की लगन के
चले हम चले हम गुरूजी के द्वार
तेरा नाम हर पल गुरूजी ध्यायें
ऐसी कृपा करदो दर तेरे आएँ
खुले हैं भंडारे गुरु जी के द्वारे -------------
तेरी लीला का अंत न पाया
जिसने भी तेरा नाम ध्याया
खजाने भरे खाली वो करे रखवाली --------
सर पे मेहर का हाथ वो रखते
खुल जाएँ सारे तकदीर के रास्ते
गुरूजी साथ देते दुआएँ उनकी लेते --------
@मीना गुलियानी
दिल मेरा हुआ ये उदास है (ज़रा सामने तो आओ छलिये )
मुझे दर्श दिखाओ मेरे गुरूजी, मेरी आँखों को दर्शन की प्यास है
नहीं लगता जिया ये तुम बिन , दिल मेरा हुआ ये उदास है
तुम बिन मनवा हरदम तरसे याद में नैना बरसते हैं
सुबह उठकर तेरा ध्यान लगाते दीद को हर पल तरसते हैं
तेरे दर्श की लगी मुझे प्यास है तू ही रहता दिल के पास है --------
तेरी याद में रोते रोते कितने सावन बीत गए
रोज़ सुबह से राह निहारें नैना मेरे भीग गए
जाने कबसे जिया ये उदास है तेरे दर्शन की इसे आस है -------
@मीना गुलियानी -
शनिवार, 12 सितंबर 2020
गुरूजी मुझे तुम दर्श दिखाओ(आवाज़ देकर हमें तुम बुलाओ )
गुरूजी मुझे तुम दर्श दिखाओ , है टूटा मेरा दिल न इतना रुलाओ
तेरे बिन गुरूजी है कौन हमारा
सारी दुनिया में न कोई सहारा
पाई है ठोकर न तुम ठुकराओ ------------------------
तेरा नाम सुनके मैं आया तेरे दर
अब तक भटका हूँ दर बे -दर पर
थक मैं गया हूँ न तुम भी सताओ -----------------------
तेरा नाम दुनिया में छाया सुना है
तुम उपकार करते हो सबसे सुना है
मेरे मन की चिंता को आके मिटाओ ---------------------
@मीना गुलियानी
गुरूजी दर्श दिखाजा (तर्ज -रिमझिम बरसे बादरवा )
रिमझिम बरसे बादरवा गुरूजी का नाम बोले,
दर्श दिखाजा गुरूजी दर्श दिखाजा
दूर दूर से तेरे भक्त यहाँ आते हैं
प्रेम से श्रद्धा भाव से शीश झुकाते हैं
फूलों की वर्षा हो रही है प्रेमी जयकारे बुलाते
दर्श ------------------------------------------
तेरे द्वार पे झंडे गुरूजी झूल रहे झूल रहे
द्वारे तेरे पे नौबत बाजे गूंज रहे गूंज रहे
दिल की सदाएँ सुनते जो भी दुखियारा पुकारे
दर्श ----------------------------------------------
कृपा करो गुरूजी तेरे द्वार पे आता रहूँ आता रहूँ
श्रद्धा और प्रेम से तुझको ध्याता रहूँ ध्याता रहूँ
दिल में उमंगे भरके तुमको पुकारते आये
दर्श -------------------------------------------
@मीना गुलियानी
तू अब तक काहे सोवत है (तर्ज उठ जाग मुसाफिर भोर भई )
अब जाग रे बन्दे भोर भई , तू अब तक काहे सोवत है
उठ गुरूजी का तू ध्यान लगा , अपने मन मंदिर में उनको बिठा
उठ नींद से अखियाँ खोल ज़रा ,जग जागत है तू सोवत है --------------
मन चंगा करले तू अपना, छोड़ मोहमाया जग इक सपना
सपनों की दुनिया छोड़ दे तू ,क्यों बात बात पर रोवत है -------------------
गुरूजी से नाता जोड़ ले तू ,मन को मत भटका मोड़ ले तू
माया की गठड़ी सर पे तेरे,क्यों तू अज्ञान में खोवत है -------------
@मीना गुलियानी
गुरूजी तुमको पुकारा है (तर्ज --एक तेरा साथ हमको दो जहाँ से )
गरीबों के हो नाथ गुरूजी तुमको पुकारा है
थाम लो हमको ,बढ़ती समय की धारा है
नैया मेरी तो मंझधार में फंस रही
निकालो तुम मंझधार से
लहरों की आंधी जीवन में चली
सम्भालो तुम पतवार से
देकर अपना साथ तूने भव से उबारा है -----
तेरी कृपा से ही जीवन संवर जाता
जो भी नाम को है ध्याता
पलट देते हो तकदीर को उसकी
जो भी गुण तेरे गाता
भटके राही को मिल जाए किनारा है -------
@मीना गुलियानी
छोड़के जग को सबने है जाना (तर्ज -परदेसियों से न अखियाँ )
छोड़के जग को सबने है जाना , भूल न जाना बन्दे समय न गंवाना
हम तो गुरूजी कुछ भी न जाने
मोहमाया से भरे हैं ख़ज़ाने
इन भूली बातों से हमको बचाना -------------------------------
आस का पंछी टूट न जाए
लिया है सहारा तेरा छूट न जाए
हर आफत से हमको बचाना -------------------------------------
जिसने भी गुरूजी तुमको पुकारा
चले आये देने तुम उसको सहारा
गुरुवर मेरी भी लाज बचाना -------------------------------------
ये दुनिया कपटी देती है धोखा
गुरूजी बदली तुमने किस्मत की रेखा
माया मोह से हमको छुड़ाना ----------------------------------------
@मीना गुलियानी
करो पूर्ण मनोरथ मेरे (तर्ज-- तेरा जादू न चलेगा )
मैं तो आई गुरूजी दर तेरे , करो पूर्ण मनोरथ मेरे
काटो माया के ये बंधन मेरे ,नित रहें मेरा रास्ता घेरे
हम अज्ञानी हैं गुरूजी , ज्ञान तुम्हीं सिखलाना
हरदम तेरा नाम जपें हमको न बिसराना
गुरूजी काटो भ्रम जाल के घेरे -----------------
दिल में बसाया तुम्हें जिसने , उनपे कृपा तो करना
मोहमाया के बंधन को ,छुडाके सुख देते रहना
सिर पे हाथ रखो गुरूवर मेरे ----------------------
@मीना गुलियानी
मांगी मुरादें वो पा जाता (तर्ज -जय जय हे जगदम्बे माता )
जय जय गुरूजी जो तुमको ध्याता ,मांगी मुरादें वो पा जाता
जीवन सफल बनाता ------------------------------------
जब जब जिसने तुमको पुकारा ,आगे बढ़कर दिया है सहारा
हर भूले भटके प्राणी से जुड़ जाता इक नाता ----------------
बच्चे सब हैं गुरूजी तेरे, तेरे दर पर लगाए हैं डेरे
सबकी विनती सुनलो आकर ,सबके भाग्यविधाता ------------
चाहे तूफां आये जो पथ में,गुरूजी तुम्हारा हाथ बचाए
सर पर जिसके हाथ धरो तुम मुक्ति फल पा जाता ----------
@मीना गुलियानी
ध्याऊँ रोज सुबह और शाम -(तर्ज - तेरे पूजन को भगवान)
- तेरे नाम को ओ गुरूजी ध्याऊँ रोज सुबह और शाम
किसी ने जानी न तेरी माया किसी ने न भेद तेरा है पाया
लूटें माया मोह अज्ञान ------------------------------------
हम तो फंस गए बीच मंझधार तुम बिन कौन लगाए पार
गुरूजी थाम लो अब पतवार ----------------------------------
तू है सबका पालनहारा सबकी बिगड़ी बनाने वाला
काटो विपदा हमारी आन ------------------------------------------
@मीना गुलियानी
जिंदगी तेरी चलेगी ( तर्ज कीर्तन वैराग्य)
ये महल ये अटारी हरदम नहीं रहेगी
साँसों की गति से जिंदगी तेरी चलेगी
रख पूरा तू भरोसा गुरूजी हैं साथ तेरे
मुश्किल से वो उबारें रहते हैं संग तेरे
रख विश्वास उन पर मति तेरी भी संवरेगी
ले नाम का सहारा मिल जाएगा किनारा
क्यों खो रहे हैं पल पल साँस का पिटारा
किश्ती संभाल लेंगे नैया पार फिर लगेगी
मत सोच दिल में कुछ भी तेरी सोच बदल देंगे
जो भी तेरे हित में होगा वही फैंसला करेंगे
तज मोह के ये बंधन ये ही व्यथा है भारी
@मीना गुलियानी
बिरथा जन्म न जाए ----- (वैराग्य)
रे मन अब तो चेत रे , बिरथा जन्म न जाए
काम क्रोध विषयों ने घेरा , गुरूजी हमको आसरा तेरा
काल ने पासा दिया फेंक रे ------बिरथा --------------
धन दौलत ये माया काया इससे तो मानव घबराया
कपट का धरकर भेस रे ---------बिरथा ----------------
गुरूजी खेवनहार हैं तेरे क्यों घबराये ऐ मन मेरे
सँवारे किस्मत का लेख रे --------बिरथा ---------------
गुरूजी पालनहार हैं तेरे न घबराना ऐ मन मेरे
खेवनहार तेरी नाव के रे ---------बिरथा -------------------
@मीना गुलियानी -
तेरे दरबार हम आये (तर्ज -कीर्तन)
लिए आँखों में दो आँसू तेरे दरबार हम आये
नज़र भर देखलो मुझको मेरे दो नैन भर आये
यदि ये जान प्यारी है करूँ कुर्बान चरणों में
करूँ उस जिंदगी का मैं जो किसी काम न आये ----
हमारी जान जाती है गुरूजी अब सम्भालो तुम
कृपा करो नाथ अब मुझ पर जुबां से कह नहीं पाए -----
गुरूजी दिल की सुनते हैं मुरादें पूरी करते हैं
अपना दिल सौंपकर देखो मुरादें गुरूजी से पायें --------
@मीना गुलियानी
सारे नाते तोड़ के (चली आई रे तेरे लिए सारा जग छोड़के )
झूठी इस दुनिया से मैं तो मुख मोड़के
मैं आई रे तेरे द्वारे सारे नाते तोड़ के
द्वार मिला मेरा भाग्य खुला मुझको तेरा दीदार मिला
खुशियों के मेले लगे मुझे अनुराग मिला
जाना न कभी दिल तोड़के जी तोड़के -------------------
डोर बंधी तेरे रंग में रंगी चली आई तेरे दर्शन को
नाम रटूँ हरदम मुझको खुमार मिला
दुनिया से नाते सारे तोड़के जी तोड़के ----------------------
मैं अज्ञानी ज्ञान सीखा दो हमको तुमसे आस है
गुरूजी तुम सुनते हो सबकी हमको विश्वास है
खोले हैं भंडारे दिल खोलके जी खोलके ---------------------
@मीना गुलियानी
मैं तो चली रे --(चली चली रे पतंग मेरी चली रे )
मैं गुरूजी के द्वारे चली रे , लेके फूलों हार और श्रद्धा अपार
करने जीवन का उद्धार------------ मैं तो चली रे -------------
तेरे नाम को जो भी ध्याये वो तो झोली भरा के ले जाए
जो भी दर्शन को आया नया जीवन उसने पाया
जिन्दगानी उसकी तो बनी रे -------------------------------
जो भी श्रद्धा लेके आया गुरूजी ने नसीब जगाया
पहले जपते जो नाम उनको देते हैं वो धाम
उसकी सारी विपदा टली रे --------------------------------
@मीना गुलियानी
तुझे तेरे भक्त बुलाते हैं (आ लौटके आजा मेरे मीत )
आओ मेरे गुरूजी महाराज तुझे तेरे भक्त बुलाते हैं
आके विनती ज़रा सुनलो तेरा ही ध्यान लगाते हैं
माया लोभ ने लूटा हमें तृष्णा ने बड़ा सताया
दुनिया की मोहमाया में गुरूजी नाम न तेरा ध्याया
अब जीवन न जाए बीत ------------------------------
गम से भरी इस दुनिया में गुरूजी कोई न मेरा सहारा
हर पल तेरी ही राह देखूँ सूझे न कोई किनारा
मेरे पाँव पड़ी जंजीर ---------------------------------
लागी लगन हुई मैं तो मगन गुरूजी तुम हमें अपनाना
दुनिया के रिश्ते झूठे हैं सारे तुम हमको न ठुकराना
आये शरण निभाना प्रीत -----------------------------
@मीना गुलियानी
शुक्रवार, 11 सितंबर 2020
जाने तुझको खबर कब होगी (तर्ज -जोगी हम तो लुट गए)
ओ मेरे गुरु जी हम तो आ गए तेरे द्वार पे
जाने तुझको खबर कब होगी
कशी मथुरा से भी सुंदर देखा धाम तिहारा
हर दुःख से पीड़ित दुखिया को मिलता यहाँ सहारा ------
छोड़के सारे रिश्ते नाते तुझसे जोड़ा नाता
तुम्हेँ बसाया अंतर्मन में तुम ही भाग्य विधाता ----------
सारे जग वालों ने दाता हमको है ठुकराया
छोड़के जग की मोहमाया मैं शरण तिहारी आया -----------
पाप गठरिया सर पर धरकर पछतायें हम भारी
गुरूजी आओ शरण लगाओ विपदा हरलो सारी ---------
@मीना गुलियानी
करो पूर्ण मनोरथ मेरे (तेरा जादू न चलेगा ओ सपेरे )
आई गुरूजी मैं दर पर तेरे करो पूर्ण मनोरथ मेरे
काटो माया के बंधन मेरे नित रहें मेरा रास्ता घेरे
मैं तो गुरु जी हूँ अज्ञानी तुम हो दयालु दाता
छोड़ के जग की हर ममता जोड़ा तुम संग नाता
मैंने पकड़े चरण आज तेरे ------करो -----------
दिल में बसाई मूरत तेरी सुनते हो बिनती दाता
तुमसा दयालु कोई नहीं ये संसार बताता
मैंने डाले तेरे दर पर डेरे ------करो ---------------
नाम तेरे रटती ही रहूँ इतनी कृपा बरसाना
दिल में हमेशा समाये रहो भव से पार लगाना
तेरे धाम में लगा लूँ डेरे -------करो --------------
@मीना गुलियानी
C लिया तेरा एक सहारा है( दिल लूटने वाले जादूगर )
मेरा कोई सहारा नहीं जग में लिया तेरा एक सहारा है
सब रिश्ते नाते झूठे हैं तुमको ही आज पुकारा है
तुम विनती सुनते हो सबकी आशा पूर्ण करते सबकी
मैं और तो कुछ भी मांगू न तेरे नाम पे सब कुछ वारा है -----
गुरूजी तुम बहुत दयालु हो मेरी विनती सुनने वाले हो
तेरा दर सबसे अच्छा लगे यहाँ मिलता सबको सहारा है -----
लाखों को तूने तार दिया कितनों का बेड़ा पार किया
हुई भूल गर तो माफ़ करो तेरा ही नाम पुकारा है ------
@मीना गुलियानी
बुधवार, 9 सितंबर 2020
,नाम को जपाने वालया (दिन रात तेरा तकनियाँ राह -पंजाबी )
मैं तो भूल गया दुनिया में आ ,नाम को जपाने वालया
तेरी भक्ति करूँ कैसे आज रास्ता दिखाने वालया
भूल गया सब कुछ दुनिया में आके
बिसरा है सब कुछ नाम को भुलाके
हमें सीधा मार्ग दिखा -------------------
हर पल ठोकर खाते हैं हम तो
अपना नाम जपा दो हमको
हमारा अज्ञान मिटा ----------------------
तेरे सिवा कोई भाए न दूजा
हर पल तेरी ही करती हूँ पूजा
सारे बंधन आज छुड़ा ---------------------
@मीना गुलियानी
आओ देख लो गुरु महाराज (देख तेरे संसार की हालत )
मंगलवार, 8 सितंबर 2020
जो भी गुरु जी तेरी शरण आया(गम न कर )
जो भी गुरु जी तेरी शरण आया , हर वरदान उसने है पाया
तेरा नाम जपके वो तर गया
दुनिया की भंवर से वो उतर गया
तेरे नाम को जिसने है ध्याया --------------------------------
छोड़ दे जग के हर जंजाल ,
जोड़ गुरुजी से प्रीत हो जा निहाल
तारे उसको जो शरण में आया ---------------------------------
तेरी भक्ति सम और नहीं
मेरी दुनिया में कोई ठोर नहीं
करो कृपा शरण तेरी आया -----------------------------------------
@मीना गुलियानी
,नाथ करना कृपा लगाओ न देरी(तर्ज --कीर्तन)
गुरूा जी विनती सुनते हो हर पल मेरी ,नाथ करना कृपा लगाओ न देरी
हर पल राहें भूलकर हम भटक गए ,
हमको दिखाओ रास्ता हैं अटक गए
पार लगाओ नाव को न करना देरी -------------------------------------
जन्म मरण के फंदे से हमें दूर करो
दिल की यही पुकार आके कष्ट हरो
तुम्हीं हो दीनानाथ विनती सुन मेरी --------------------------------------
तेरे सिवा मेरा दुनिया में कोई और नहीं
तेरा ही सहारा मुझे मेरी और ठोर नहीं
होना सहाई आप मैं तो शरण में तेरी ---------------------------------------
@मीना गुलियानी
तुझे तेरे भक्त बुलाते हैं (आ लौटके आजा मेरे मीत )
आओ मेरे गुरु महाराज तुझे तेरे भक्त बुलाते हैं
आके विनती मेरी सुनलो तेरा ही नाम ध्याते हैं
जग की डगर हुई मुश्किल अगर तू आके देना सहारा
हर पल हमको तुमने गुरु जी मुश्किल से है उबारा
तुमसे जुडी है हार जीत -------तुझे -----------------
कभी न बिसरूं नाम तेरा आप कृपा को बरसाना
तेरे चरणों की दासी हूँ गुरूजी हमको न बिसराना
तेरे चरणों से लागि प्रीत -------तुझे -----------------
@मीना गुलियानी
सोमवार, 7 सितंबर 2020
मुझे प्यारा लागे तेरा धाम रे (बनवारी रे )
ओ मेरे गुरूजी जग से निराला तेरा धाम रे
मुझे प्यारा लागे तेरा धाम रे
हर तरफ से ठोकर खाके मिला हे तेरा द्वारा
तुमने हमको हर मुश्किल में आके दिया सहारा
गुरूजी आई शरण तेरी आज रे -----------------
तुम बिन मेरा कोई नहीं है कृपा तुम्ही बरसाना
हर दुखिया को तुम गुरूजी अपने आप बचाना
मेरी नाव न डूबे मँझधार रे -------------------
तुम्हीं तो मेरे रक्षक हो मैं तेरी महिमा गाऊं
दिन और रात तेरी ही पूजा के मैं दीप जलाऊँ
मेरी रक्षा करो महाराज रे ---------------------
@मीना गुलियानी
तेरे भक्त गुरूजी बुलायें (अजहूँ न आये बालमा )
तेरे भक्त गुरूजी बुलायें आज कृपा करदो
हरो विपदा हमारी आकर ,दुखड़े दूर करदो
मेरी जिंदगी में सुख मिल जाए ,हर चिंता फ़िक्र मिट जाए
ऐसा वरदान दे दो------------------------
गुरूजी हम तो हैं तेरे सहारे ,तुम ही हो मेरे सदा रखवाले
कृपा से झोली भरदो -----------------------
तेरी कृपा से जीवन गुजारुं ,हर पल मैं तो तुमको पुकारूँ
ख़ुशी के खज़ाने भरदो -------------------------
@मीना गुलियानी
अखियाँ प्यासी दर्शन की (घर आया मेरा परदेसी )
अखियाँ प्यासी दर्शन की , प्यास बुझाओ नैनन की
गुरूजी अब न देर करो ,सबके भंडारे आप भरो
लाज रखो निज शरणन की....प्यास ------------
माया जाल ने लूटा हमें त्रिकुटी का अमृत पिला दो हमें
नाव मेरी मँझधार पड़ी ----प्यास ----------------
अब तो भव से पार करो , इतना तो उपकार करो
विनती सुनलो दीनन की -----प्यास -----------=
दुखिया तुमसे आस करे ,तुमने लाखों तार दिए
बारी मेरी क्यों उलझन की--------प्यास ------------
@मीना गुलियानी
चली आई हूँ जग सारा छोड़ के(ऊँची ऊँची दुनिया की दीवारें )
तेरा द्वारा सबसे न्यारा , हर दुखिया को मिले सहारा
चली आई हूँ जग सारा छोड़ के
गुरूजी अब तो हमे सम्भालो ,मेरी लाज को बचा लो
चली आई हूँ आस तेरी लेके
तेरे ही नाम को जपते जपते बरसों गम में बीत गए
सुबह शाम कीर्तन को करते नैना मेरे भीग गए
गुरूजी आओ---लाज बचाओ ---हमको न ठुकराना -----तेरा---
याद में अखियाँ हर दम बरसें गुरूजी अब न देर करो
फैला दिया है हमने दामन ,गुरूजी अब तो झोली भरो
गुरूजी आओ ---दर्श दिखाओ--छोड़ दो अब तरसाना ---तेरा -----
@मीना गुलियानी
हमें खाली न भेजना( दुनिया में ऐसा कहाँ सबका नसीब है )
द्वारे तेरे आये हमें खाली न भेजना
दर्शन से झोली भरदो और कुछ माँगू ना
तेरे दर पे आते हैं लाखो सवाली ,करते हो इच्छा पूरी जाएँ न खाली
आस पूरी करदो झोली भरदो खाली मोड़ ना -------द्वारे -----------
दर्शन की भिक्षा दे दो आये भिखारी ,तेरी रहमत को तरसे दुनिया सारी
कृपा बरसा दो भव तरा दो और कुछ चाहें ना ------द्वारे --------------
दिल में बसाई है मूरत तिहारी ,आ जाओ अब तो कृष्ण मुरारी
बंसी की तान सुना दो टूटे साँसों की डोर ना --------द्वारे -------------
@मीना गुलियानी
हमे दर्शन दिखाना पड़ेगा (जिंदगी प्यार का गीत है )
तेरे दर्शन को तरसें नयन हमे दर्शन दिखाना पड़ेगा
तेरी कृपा को न भूलें हम हमें रास्ता दिखाना पड़ेगा
मेरी नैया तो मँझधार है ,तेरे हाथ मेरी लाज है
डगमग डोले ये नैया भँवर मेँ पतवार चलाना पड़ेगा
मेरे नैना बरसते हैं , भक्त दर्शन को तरसते हैं
राम बनकर मेरे ओ गुरुवर झूठे बेर भी खाना पड़ेगा
गुरूजी हम तो नादान हैं , देखो तेरी ही संतान हैं
हर भूल को माफ़ करके अपनी शरण में लेना पड़ेगा
@मीणा गुलियानी
तेरे दर पे आऊँ मैं (होठों से छू लो तुम
गुरूजी तुम कृपा करो तेरे दर पे आऊँ मैं
मेरी गलती माफ़ करो सुमिरन कर पाऊँ मैं
माया और तृष्णा ने इस जग को लूटा है
संसार का हर नाता लगता अब झूठा है
तुम सर पर हाथ धरो भव से तर जाऊँ मैं
तेरे दर्शन के प्यासे नैना ये तरस रहे
तेरे भक्त तेरे दर पे कृपा को तरस रहे
सबके भंडार भरो मुरादों को पाऊँ मैं
तेरे द्वारे से गुरूजी कोई खाली नहीं जाता
तेरी कृपा से गुरु जी जो मांगे वही पाता
मुझको न ठुकराना खाली लौट न जाऊँ मैं
@मीना गुलियानी
मेरे सिर पे गुरूजी तेरा हाथ रहे (जीवन में पिया तेरा साथ रहे )
मेरे सिर पे गुरूजी तेरा हाथ रहे , हरदम तू दिल के पास रहे
तेरे नाम का लेके सहारा हम ,
हर पल यूँ ही राह पे चलते हैं
कृपा तेरी को पाकर हम
ये दिन और रात बदलते हैं
मेरे दिल में तेरी ---फरियाद रहे --हरदम --------------
जब तक मैं जिऊँ करूँ तेरा सुमिरन
तेरे नाम का दिल रहे दीवाना
तेरे नाम की बनकर जोगन मैं
हर पल भरूँ रीता मैं प्याला
तेरे दर्शन की------ मुझे आस रहे --हरदम ---------------
@मीना गुलियानी
मुझे दर्शन की तेरे आस है(ज़रा सामने तो आओ छलिए
मुझे दर्शन की तेरे आस है ,दिल को मेरे यही विश्वास है
दुःख में सुख में तेरा ही सुमिरन करते पूरी सभी की आस है
लाखो सवाली दर तेरे आये खाली न कोई जाता है
करते हो सबकी मुरादें पूरी तुझसे सुकूँ दिल पाता है
मेरे जीवन का तू ही आधार है तू ही मेरा खेवनहार है दुःख में --------
दिल तेरे दर्शन को तरसे अब और न देरी लगाना तुम
दीद में तेरी बरसें नयन बरसों की प्यास मिटाना तुम
तेरे दर्शन से मिलता करार है तू ही सबका पालनहार है दुःख में --------
@मीना गुलियानी
कौन लगाए नैया पार (बार बार तोहे क्या समझाये)
नैना बरसें नीर बहाएँ सुनलो आके पुकार (बार बार तोहे क्या समझाये)
तेरे बिन गुरूजी कौन लगाए नैया पार
आ जाओ मत देर करो कबसे आये ,नाम दान की भिक्षा दो हम घबराये
तेरे दर्श को व्याकुल है ---ये सारा संसार तेरे बिन------------------------
नैया मेरी अटक रही मंझधार में ,तुम बिन मेरा कोई नहीं संसार में
आके मिटाओ चिंता को--कबसे रहे पुकार तेरे बिन -----------------
तुम बिन दूजा कोई नहीं संसार में ,राहत मिल जाए दिल को तेरी राह में
प्यास मिटाओ नैनों की---मांगे तेरा दीदार तेरे बिन ----------
@मीना गुलियानी
वारी जाऊँ चरणन पे (तर्ज़ --चिरमी)
तेरी कृपा होवे महाराज ,वारी जाऊँ चरणन पे
अब राखो हमरी लाज वारी --------------------
तेरे ही दर की आस है ,दिल में यही विश्वास है
करो दिल से दूर अज्ञान वारी जाऊँ ------------
गुरु जी तेरी महिमा गाऊं ,हर पल गुरूजी तुमको ध्याऊँ
काटो बंधन मेरे महाराज वारी जाऊं -------------
तन मन धन है तुझको अर्पण ,आई दर तेरे बनके जोगन
मेरी विनती सुन लो आज वारी जाऊँ -------------
@मीना गुलियानी
तुझे तेरे भक्त बुलाते हैं( आ लौटके आजा मेरे मीत )
अब आओ गुरूजी महाराज ,तुझे तेरे भक्त बुलाते हैं
सुनो हमरे दिलों की पुकार ,तेरे ही नाम ध्याते हैं
गए तरसे हे मन देखो बरसे नयन ,मेरे दिल को तू धीर बंधा जा
दिल में बसा ली छवि तेरी मेरी नैया तू पार लगा जा
ये घड़ी न जाए बीत तुझे-----------------------------
चाँद सूरज भी पड़ गए फीके ,नूर तेरा हरसू है छाया
तेरे दर आने से मिलता करार ,तेरे दर्श को गुरूजी आया
लागी लगन निभाओ प्रीत तुझे --------------------
@मीना गुलियानी
तेरी करूँ मैं वंदना (अपने पिया की मैं तो बनी रे जोगनिया ,
जय हो गुरूजी तेरी करूँ मैं वंदना
छम छम बाजे मेरी पायलिया
तेरे दर तेरे अँगना
रात दिन करती हूँ मैं तेरी ही पूजा
तेरी छवि मन में बसी भाये न दूजा
अर्ज सुनो जी मेरी ---भई बावरिया ----------
नैना मेरे प्यासे तेरी दीद को तरसें
आ जाओ इक बार याद में बरसें
कैसे कहूँ डाली तूने---मोहनिया -----------
तेरे बिन गुरूजी मोहे कुछ भी न भाये
कृपा करो जी हम दर्श को आये
दीद में तेरे भई -------बावरिया --------
@मीना गुलियानी
तेरे दर्शन की लग रही प्यास है (तर्ज - ज़रा सामने तो आओ छलिये )
ज़रा दर्श दिखाओ महाराज जी , तेरे दर्शन की लग रही प्यास है
यूँ न मुखडा आज हमसे छुपाओ ,दिल में रहते हो तेरी ही आस है
कबसे प्यासे नैना ये तरसें ,याद में तेरी बरसते हैं
गुरूजी आकर दर्शन दे दो हर पल आहें भरते हैं
दिल में रहमो कर्म की आस है फिर क्यों मन मेरा उदास है
तेरी ही याद में भटक रहे हम ,कब सुध लोगे तुम मेरी
गुरूजी चिंता आकर मिटाओ नाथ मेरे मत करो देरी
मेरा जीवन तुम्हारे हाथ है तू ही रहता दिल के पास है
@मीना गुलियानी
गुरु जी सबके दिलों की जाने (गम न कर मुस्कुरा )
रे मन तू न घबरा दीवाने , गुरु जी सबके दिलों की जाने (गम न कर मुस्कुरा )
कर न चिंता वो सबको संभाले दिल कर आज उसके हवाले
रख विश्वास गुरूजी सुनेंगे
तेरे दुखड़े को वो दूर करेंगे
यूँ न घबरा तू करदे समर्पण
बन जोगी छवि दिल में बसाले--------------------
तेरे द्वारे जो भी आ गया
मांगी मुरादें वो पा गया
खाली दर से न कोई जाए
गुरूजी नैया पार लगाए -----------------------------
@मीना गुलियानी
मंगलवार, 1 सितंबर 2020
ईश्वर का दीदार
ईश्वर का दीदार अपने दिल में करो
जब भी देखना चाहो सिर नीचे करो
उनके दर्शन दिल में हो जायेंगे
तुम यूँ ही भटकते मत फिरो
@मीना गुलियानी
रूठकर चले जाना
आज तेरा यूँ रूठकर चले जाना
मेरे को तोड़ गया कबसे थी तमन्ना
मिलेंगे तुमसे बस अनचाहा हो गया
खिले फूल गुलशन के बहारों ने उन्हें
विकसित किया दिल गुनगुनाया
मुझे भूला वो परदेसी लौट आया
@मीना गुलियानी
दो घड़ी
दो घड़ी के लिए तुम रुक जाओ
कुछ अपनी कहो कुछ मेरी सुनो
हर बात की इन्तहा होती है
दिल मेरे को न यूँ बहकाओ
@मीना गुलियानी