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सोमवार, 1 फ़रवरी 2016

चलो दिलदार चलो



चलो उस पार चलो , बादलों के पार चलो
चलो दिलदार चलो

               आज खो जाएँ बहारों में कहीं
               ढूंढे हमको ये ज़माना पाएं न कहीं

आज गुलज़ार बना दे ये ज़मीं
चाँद तारों को भी ले आएं यहीं

                तू सलामत रहे ऐे जाने -नशी
                 सजदे में झुके आसमाँ औ ज़मीं 

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