ऐ मेरे हमसफ़र लम्बा है बहुत जिंदगी का सफर
थोड़ा सा तो कट जाए इसलिए थोड़ी दूर साथ चलो
ये माना जिंदगी का सफर कठिन है
माना तुम्हारा साथ निभाना कठिन है
कुछ लम्हे तो हँसते गुज़र जाएँ
इसलिए थोड़ी दूर मेरे साथ चलो
ये माना तेरे मेरे जज़्बात अलग है
ये माना तेरे मेरे हालात अलग है
दुनिया वाले हम पर न हँसे
इसलिए थोड़ी दूर मेरे साथ चलो
आएंगे मोड़ कई जब चाहे रुक जाना
आएंगे मुकाम कई जब चाहे रुक जाना
सारे जाने पहचाने निकल जाएँ
इसलिए थोड़ी दूर मेरे साथ चलो
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