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रविवार, 7 फ़रवरी 2016

जुदाई का दर्द



मेरी मुहब्बत तू आज रो आँसू बहा 
कि तेरा प्यार तुझसे हुआ है जुदा 

                  न यूँ जज़्ब कर अश्कों को 
                  खुलके रोने दे अब मुस्कुरा 

कि बह गया है तेरे दिल का गम 
फना होने दे रूह को न तड़पा 

                 न इतना बोझ सह पायेगी ये 
                 इस उम्र में न तू दिल को लगा 

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