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बुधवार, 3 फ़रवरी 2016

ख़ुशी छलक जाए



तेरी जिंदगी के गुलशन से महक आए
ख़ुशी तेरी आँखों से ही छलक जाए

                   रात -दिन जिंदगी के दो पहलू है
                   यूँ ही निकल के ढल जाते है
                    रात आये पर दिन के होने पर
                    हृदय की कालिमा भी छंट जाए

गम से भरी रात सुबह में बदल जाए
मेरे मन की हर दुआ तुझे लग जाए
तेरी जिंदगी कलियों से महक जाए
कोई काँटा हो तो हवा से हट जाए

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