हाय रे तेरा ये भोलापन
याद मुझे फिर आया बचपन
बचपन की वो भूलभुलैया
भूलभुलैया की ता थैया
झूमें नाचे गाये हम
मिलकर ख़ुशी मनायें हम
सबके दुःख बिसराएँ हम
सबको गले लगाएं हम
इक कोना भी रहे न सूना
हर दिल को है हमको छूना
स्नेह के हरसू फूल खिलाकर
नेह के दीप जलाएँ हम
बहुत सुंदर रचना
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