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शनिवार, 20 फ़रवरी 2016

दुनिया भुलाये बैठे है



तेरी याद में हम तो ऐ दिलबर दुनिया ही भुलाये बैठे है 
हम आज तो अपनी हर चाहत तुझ पर ही लुटाए बैठे है 

                  दुनिया  की न है परवाह हमें न फ़िक्र हमें है ज़माने की 
                  हम तो तेरे दर पे दिल अपना सज़दे में झुकाये बैठे है 

जैसे भी होगा सह लेंगे इलज़ाम तुझ पे न आने देंगे 
रुसवाई न होने देंगे  तेरी ये कसम उठाए बैठे है 

                गैरों से हमको क्या लेना अपनों ने लूटा है हमको 
                इस दर्दे जिगर को  हम अपने सीने में छुपाये बैठे है 

इक बार पलट के देख तो ले अरमान यही है इस दिल का 
 जग पे न कुछ ज़ाहिर होने देंगे गम अपना छुपाये बैठे है 

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