राज़े दिल पूछो न मुझसे जो छुपा रखा है
दागे दिल दागे जिगर
और तमन्नाओं से
मैने वीरान बहारो को
सजा रखा है
दिल में इक शोला दबाया
दुनिया ने मिटाना चाहा
मैने उस याद को
सीने से लगा रखा है
अपने इस दर्द की मैने
तो कसम दी तुमको
मैने इस दर्द में
दुनिया को भुला रखा है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें