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शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2016

नगमें वफ़ा के गाएंगे



सिलसिला जो चलेगा यादोँ का 
हम तुम्हेँ भुला न पाएंगे 
बीते लम्हे तुमको भी तो 
ख्वाबों में याद आएंगे 

                तन्हा तन्हा हम रहें क्यों 
                 यादेँ भी खामोश है 
                गेसुओं में लिपटे चेहरे 
               याद तुमको आएंगे 

हम तो रो देते है अक्सर 
तेरी चाहत में मगर 
सोचते है फिर भी कभी 
नगमें वफ़ा के गाएंगे 

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