इस दिल में मची हलचल मन कहता अब तू सम्भल
आगे है बड़ी दलदल कहीं फंसा तो मिलेगा न इक पल
रे मनवा सम्भल सम्भल पग धरना दो पल यहीं ठहरना
ऐ दिल तू ज़रा सम्भलना
टेढ़ी मेढ़ी है जीवन की राहें है वीरान तुझको बुलाएं
पर तू आगे कदम मत धरना
करदे जीवन तू उसके हवाले वो ही हर मुश्किल से निकाले
एक विश्वास उस पर तू करना
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