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मंगलवार, 16 फ़रवरी 2016

दिल की बेताबी



दिल की ये बेताबी जाने किधर ले जाए हमें
बढ़ रही सीने की धड़कन कैसे बतलाएँ तुम्हें

                 जाने क्या होगा अन्जामे मुहब्बत अब हमारा
                 क्या जाने कब गर्दिश में छुप जाए सितारा
                 चोरी चुपके से यूँ मिलना रास न आया हमें

क्या करें काबू में ये  दिल मेरा रहता नहीँ
कितना बेगाना हुआ हमसे कुछ कहता नहीँ
और भटकायेगी कितना दीवानगी अब हमें 

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