यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 13 फ़रवरी 2016

मैने कुछ कहा



जब मैने उससे  कुछ कहा 
अँधेरे में फुसफुसाहट सी हुई 
किसी को भी कुछ पता न चला 
फ़ूलों ने पक्षियों ने भी कुछ न सुना 
पत्तों की सरसराहट ने कुछ कहा 
नि ;शब्द वाद्यवृन्द बजा 
पक्षियों के कलरव का
गान का, तान का 
फ़ूलों के पराग का 
कल कल निनाद का 
हँसी का, मौन का
 किसी ने कुछ न सुना 

4 टिप्‍पणियां: