जीवन है जिम्मेदारी इसको निभाना है
कभी है आगे ख़ुशी और पीछे गम
कभी है साथ वो कभी तन्हा है हम
लेकिन हँसते हँसते सहते जाना है
मर मर कर भी हम तो जिए
रो रो कर भी आंसू हमने पिए
कसम अश्कों को बाहर न आना है
दूर साथ में न चलता है कोई
तन्हाई की आहट सुनता न कोई
अँधेरे में साये भी से बिछुड़ जाना है
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