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शनिवार, 26 मार्च 2016

सनम तू ही दिल में बसा



तुझे देखा है जबसे सनम तू ही दिल में  बसा
अब तेरे सिवा  कोई नहीं और कहूँ क्या

                    दिल में बसाके मैने तुझको रोज़ सज़दा कर  लिया
                    तू बता ये गुनाह क्या है जो कि मुझसे है हुआ
                    कैसे बताऊँ तुझसे कि मेरे दिल की यही है ख़ता

तेरे ही हाथों में मैने अपनी किस्मत सौप दी
तू बता इस दिल की तूने कौन सी रेखा लिखी
दिल मेरा तेरा हुआ और कुछ चाहे भी क्या
@मीना गुलियानी 

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