तुझे देखा है जबसे सनम तू ही दिल में बसा
अब तेरे सिवा कोई नहीं और कहूँ क्या
दिल में बसाके मैने तुझको रोज़ सज़दा कर लिया
तू बता ये गुनाह क्या है जो कि मुझसे है हुआ
कैसे बताऊँ तुझसे कि मेरे दिल की यही है ख़ता
तेरे ही हाथों में मैने अपनी किस्मत सौप दी
तू बता इस दिल की तूने कौन सी रेखा लिखी
दिल मेरा तेरा हुआ और कुछ चाहे भी क्या
@मीना गुलियानी
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