ढूँढती रहे दुनिया , आएं न लौटके हम
दूर अमराइयों में कहीं हम खो जाएँ
इन्हीं प्यारी वादियों में नज़र नहीं आएं
हो जहाँ प्यार तेरा डालें वहीं डेरा हम
कसम है चिनारों की कसम इन बहारों की
कभी न जुदा हों हम कसम इन नज़ारों की
खुशियों भरी हो डगर दूर हो जाएंगे गम
प्यार का जादू तेरा इक नशा जगाने लगा
तू तो अब सपनों में मेरे रोज़ आने लगा
आँसुओं भरे दिन भी होने लगे अब गुम
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें