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रविवार, 20 मार्च 2016

कुदरत का वरदान है बेटियाँ



माँ बाप के दिलों में समाई है बेटियाँ 
हर सुख और दुःख में याद आई बेटियाँ 

                      बेटी के आगमन से घर का खिला हर कोना 
                      हर माँ का पूरा हुआ सपना वो इक सलोना 

छोटी थी तो अंगुली पकड़कर माँ बाप ने सिखाया 
स्कूल से कालेज की शिक्षा तक भी उसे पहुँचाया 

                    अब समझदार होते ही उसने संभाला चूल्हा चौका 
                    माँ को मिला सहारा किसी ने भी न उसको टोका 

अपनी सयानी बेटी को माँ बाप ने डोली में था बिठाया 
इक अजनबी के हाथों सौंपा कर दिया उसे पराया 

                    पर दिल उस बेटी का तो माँ बाप के यहीं था 
                    उसकी यादो का भोला बचपन भी यहीं था 

जब भी सुनी खबर कोई पीहर के सुख दुःख की 
वो दौड़ी दौड़ी चली आई हर पल की उसे फ़िक्र थी 

                      दोनों कुलों की शान बढ़ाती है बेटियाँ 
                     नारी के हर रूप में समाई है बेटियाँ 
@मीना गुलियानी 




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