कैसे कहदूँ मुलाक़ात नहीं होती है
रोज़ मिलते है मगर बात नहीं होती है
तुम देखा न करो आईना यूँ ही अक्सर
दिल का आ जाना बड़ी बात नहीं होती है
मुझसे मत पूछो क्या है मेरे दिल का हाल
दिन तो ढल जाता है पर रात नहीं होती है
सबसे हम नज़रो को छिपाए फिरते है
कोई कहीं देखे न बरसात नहीं होती है
जब भी मिलते है और पूछते है हाल मेरा
इससे आगे तो कभी बात नहीं होती है
@मीना गुलियानी
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