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सोमवार, 14 मार्च 2016

नदिया किनारे मेरा गाँव


नदिया किनारे मेरा गाँव तू मिलने आ जाना
शीतल ठण्डी छाँव तनिक सुस्ता जाना

                    बाजरा मक्का की मै तो  रोटी पकाऊँगी
                   अपने हाथों से सैंया तुझको खिलाऊँगी
                   छाछ भी पिलाऊँगी साथ तू जल्दी आ जाना

सरसों का मैने साग पकाया
खालिस घी उसमें मिलवाया
गुड रबड़ी का स्वाद चखने आ जाना

                 कितने चाव से चूरमा बनाया
                उपले बनाकर बाटी को पकाया
                ढेर से घी के साथ तू आके खा जाना
@मीना गुलियानी 

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