तू काहे पूछता है मेरे गाँव का पता रे
मै काहे तुझे बताऊँ तू कौन है बता रे
मै हूँ गाँव की गुजरिया
न बस में तेरे आऊँ
मै चलाऊँ अपनी मर्जी
जी चाहे जहाँ जाऊँ
इन हवाओं संग लहरूँ
इनके ही संग गाऊं
लहरों के संग खेलूँ
मस्ती में गीत गाऊं
तू कहाँ का रहने वाला
इतना मुझे बता दे
क्यों आया तू यहाँ पे
इसका भी तो सिला दे
तेरे जैसा न यहाँ पर
दिल क्यों तुझे सदा दे
क्या छिपा है तेरे दिल में
इसका मुझे पता दे
@ मीना गुलियानी
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