जबसे तूने निगाह फेरी है
दुनिया मेरी तो बस अँधेरी है
किस जन्म का तूने बदला लिया
ऐसा कौन सा गुनाह मैने किया
क्यों ये बदली निगाह तेरी है
जब तुझे मुझसे दूर जाना था
तो मेरे यूँ करीब आना न था
जिंदगी अब राख की ही ढेरी है
मुझको अब चैन भी नहीँ आता
बिन तुम्हारे रहा नहीँ जाता
आई आफत में जान मेरी है
@मीना गुलियानी
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