ऐ मेरे हमनशीं हुआ क्या है
क्या तेरा है मर्ज और दवा क्या है
मै तो कुछ जानती नहीँ तू बता
अपनी हालत का पता मुझको बता
सुनके कर दूँगी फैसला क्या है
ग़मों को तुम दबाये बैठे हो
कबसे मुझसे छिपाए बैठे हो
आखिर इस उदासी का सबब क्या है
कैसे इस जिंदगी को काटूँगी
तू है चुपचाप कैसे दुःख बाटूँगी
इस तन्हाई का सबब क्या है
हम नहीं है गैर क्यों बताते नहीं
दिल में यूँ गमों को भी छुपाते नहीं
तुम्हीं कहदो ये माज़रा क्या है
@मीना गुलियानी
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