छेड़ गया फिर से फ़साना कोई प्यार का
दिल मेरा खो गया पूरा नशा हो गया
अरमां यूं जगने लगे ख़्वाब कई सजने लगे
दिल के अधूरे सपने आँखों में सजने लगे
हवाओँ ने घोल दिया रस उसमें बहार का
मस्ती सी छाने लगी है नींद सी आने लगी है
कोई न रोके मुझे अब खुमारी सी छाने लगी है
जाने ये कोई जादू या सरूर तेरे प्यार का
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