पीछे उस पर्वत के अपना बसेरा हो
जहाँ सिर्फ सुख ही हो दूर अँधेरा हो
वादियों में जब गूँजे खुशियों के हों नगमे
गम कोसों दूर रहे साथ जब तेरा हो
न हो कोई उदासी यहाँ प्यार बरसता हो
तारे टिमटिमाते रहें फूलों से सवेरा हो
घने पेड़ छाया करें वादियों की छाँव में
खुशियाँ जगमगाएँ वहाँ घर तेरा मेरा हो
@मीना गुलियानी
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