पायल मोरी बाजे ना
सखी जबसे गए मोरे पिया विदेसवा
मोहे कछु भी भाये ना
कासे कहूँ मै दुखड़ा मोरी सखी री
नैनन निंदिया न अाये
जबसे पिया विदेस गए
मोहे कछु भी अब न भाये
काहे जिया तू लुभाये ना
कैसे भेजूँ लिख लिख पत्तियाँ
धड़के जिया मोरी कांपे छतियाँ
बरखा फुहार बैरन सी लागे
चंदन लेप सर्पदंश लागे
मोहे कछु भी सुहाए ना
बैरन हो गई दुनिया मोसे
पिया नाहिं इत पूछूँ तोसे
लागि करजवा चोट वो जाने
जिस तन लागी वही पहचाने
कोई तपन बुझाए ना
@मीना गुलियानी
सखी जबसे गए मोरे पिया विदेसवा
मोहे कछु भी भाये ना
कासे कहूँ मै दुखड़ा मोरी सखी री
नैनन निंदिया न अाये
जबसे पिया विदेस गए
मोहे कछु भी अब न भाये
काहे जिया तू लुभाये ना
कैसे भेजूँ लिख लिख पत्तियाँ
धड़के जिया मोरी कांपे छतियाँ
बरखा फुहार बैरन सी लागे
चंदन लेप सर्पदंश लागे
मोहे कछु भी सुहाए ना
बैरन हो गई दुनिया मोसे
पिया नाहिं इत पूछूँ तोसे
लागि करजवा चोट वो जाने
जिस तन लागी वही पहचाने
कोई तपन बुझाए ना
@मीना गुलियानी
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