ज़माने की नज़र बदली है अब देखिए क्या हो
अब होने को है पास सहर देखिए क्या हो
जब पास थे तुम खुश थे बहुत चाँद सितारे
तुम पास हमारे थे तो हम पास तुम्हारे
अब बदली है तस्वीर मगर दखिए क्या हो
मालूम न था हमको कि कभी ऐसा भी होगा
जिसको नाखुदा समझा वो था आँखों का धोखा
अब मेरी भी आहों का असर देखिए क्या हो
मुमकिन है कि तेरे ये जज़्बात अलग है
पर मुझको गुमाँ होता है ख्यालात अलग है
पशेमानी में कट जाए उम्र देखिए क्या हो
@ मीना गुलियानी
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