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गुरुवार, 10 मार्च 2016

मुस्कुराते हुए जिओ



जीना है तो हँसते हँसते जियो 
मुस्कुराओ गम के आँसू पियो 


                  हँसो और दुःख सभी के ले लो 
                  गमों को तुम मुस्कुराके झेलो 


जीवन के यही पल तो अपने है 
मुस्कुराके करें सच जो सपने है 


                   कभी सुख है यहाँ कभी दुःख है यहाँ 
                   कभी आशा तो कभी निराशा है यहाँ


 सुख दुःख के मधुर मिलन से 
यह जीवन हो भरपूर 


                        कभी घन  में ओझल हो शशि 
                        कभी शशि में ओझल हो घन 
@ मीना गुलियानी 

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