जीना है तो हँसते हँसते जियो
मुस्कुराओ गम के आँसू पियो
हँसो और दुःख सभी के ले लो
गमों को तुम मुस्कुराके झेलो
जीवन के यही पल तो अपने है
मुस्कुराके करें सच जो सपने है
कभी सुख है यहाँ कभी दुःख है यहाँ
कभी आशा तो कभी निराशा है यहाँ
सुख दुःख के मधुर मिलन से
यह जीवन हो भरपूर
कभी घन में ओझल हो शशि
कभी शशि में ओझल हो घन
@ मीना गुलियानी
मुस्करा के जियो रचना अच्छी है
जवाब देंहटाएंbahut achchi kavita hai ji
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