खुशियों का न ठिकाना, दिल मेरा चाहे मुझसे , यादों में डूब जाना
कैसे बताऊँ तुझको क्या मुझको हो गया है
दिल मेरा था कभी जो अब तेरा हो गया है
लगता नहीं ये तुझ बिन तुझको ही चाहे पाना
तस्वीर तेरी अपने दिल में छिपाई हमने
दुनिया को भूलकर ये हस्ती मिटाई हमने
अब दर्द जी में उठता मुश्किल हुआ छिपाना
दो घड़ी तो पास बैठो तुम पास भी तो आओ
इतनी दूर होकर न मुझे तुम यूँ सताओ
मेरी धड़कनों से सुन लो मेरे दिल का ये फ़साना
@मीना गुलियानी
बहुत ही सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर
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