सोच ज़रा मन अब तो करले यत्न , अपने जीवन में करले तू थोड़ा सुधार
जीवन मिले न बार बार - जीवन मिले न बार बार
पी ले प्याला प्रेम का
मस्ती में तू दुनिया भूल जा
उसके नाम की लगन में तू
दुनिया की हर ख़ुशी को भूल जा
माया ये भटका रही जिंदगी ये जा रही
दो घड़ी बाकी रही वो भी बीती जा रही ----------सोच ज़रा ----------------
मस्ती उसके नाम की
ऐसी खुमार बनके छा गई
राधा नाम की इक रटन
सांवरे के मन को भा गई
जहाँ पड़े राधा चरण श्याम जी होके मगन
गोकुल के धाम से पहुँचे वो वृन्दावन -----------सोच ज़रा ------------------
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें