यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 30 मार्च 2016

आज उजाला करदे


सबके दिलो में तू आज उजाला करदे
दूर दुनिया से नफरत का अँधेरा करदे

                   हर दिल में सदाकत की शमा रोशन हो
                   झूठ का शरारा भी हर दिल से दूर करदे

प्यार के फूल खिलें  जिससे महके ये फ़िज़ा
न रहे दिल में नफरत के लिए बाकी जगह

                   न हो कोई दुश्मन न किसी से वैर यहाँ
                   हर तरफ अमन  का ही रहे नामोनिशाँ

सबके दामन को खुशियों के गुलो से भरदे
न कभी आये खिज़ा ऐसा गुलिस्ताँ करदे
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें