देखलूँ तुमको जी भरकर सिलसिला मिटे नहीं
तुमसे मेरी ये विनती है पुकार मेरी सुन लो तुम
घटा ज़रा बरस तो ले लाई फुहार सुन लो तुम
ये चाँद जब भी आएगा तेरी ही यादें लाएगा
तुम बिन न मेरा जी लगे सूना सूना जहाँ लगे
अभी अभी तो आये हो ये शाम भी ढली नहीं
तू प्रीत की पुकार सुन शमा अभी जली नहीं
चंदा निकल तो ले ज़रा ये दिल सम्भल तो ले ज़रा
दिल को ज़रा संभाल लूँ तुझको ज़रा निहार लूँ
@मीना गुलियानी
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