लगता प्यार है बेशुमार तुम्हारी तरफ से
हम भी खड़े हैं कतार में इस तरफ से
यही जवाब है तुम्हारा
हम समझे नहीं इशारा
कैसा है प्यार तुम्हारा
देखो कुदरत का इशारा
देखो पलटकर दुबारा
घूमने निकले हैं हम
नहीं थमते ये कदम
चाहें सब पा लें हम
तुझे उल्फत की कसम
यूँ न रूठो मेरे हमदम
चाँद तुम्हारी ख़ामोशी
दिल पे गजब ढायेगी
नई इबारत लिखेंगे
नया अफसाना कहेगी
मन में दीप जलायेगी
नई चेतना जगाएगी
जीवन रोशन करेगी
जीवन में प्रतिभा आएगी
जीने का अंदाज़ बदलेगी
अंतर्मन प्रकाशित करेगी
ज्ञान कभी घटता नहीं
बाँटने से बढ़ता है
जितना बांटोगे बढ़ेगा
नई बातें भी सीखेंगे
कोई नई दिशा मिलेगी
क्या रुक नहीं सकते हम
लहरों में आया तूफ़ान
आसमा से कोहरा उतरा
धरा पे चादर सी बिछी
हाथ को हाथ न दीखता
सर्दी से बदन कांप उठा
पग उठाना भी मुश्किल
अच्छा होगा यही रुक जाएँ
कुछ कर गुज़रना है
पानी में रवानी है
रुत भी मस्तानी है
होसलो में है तूफ़ान
थाम पार उतरना है
शिखर पर पहुँच कर भी
उनका व्यक्तित्व न बदला
हमारी नज़रों के सामने
वो बहुत ऊँचा उठ गया
जिन्हें हम दिल में रखते हैं
उनसे कुछ कह नहीं पाते हैं
जमाने भर के आगे दुखडो को
दिल खोलकर हम बताते हैं
अँधेरा खिल गया था क्योंकि तुम मिल गई थी
तुम्हाता मुख पूर्णमाशी के चंदा की तरह है
तुम्हारी मुख की कान्ति और उस पर सुंदर
चमकती सितारों भी साडी सुंदरता बढ़ाती है
@मीना गुलियानी
तुम्हारी बातों की गर्माहट सर्दी में राहत देती है
तुम्हारी बातें इतनी लुभावनी होती हैं कि दिल
चाहता है कभी खत्म न हों चाय पानी चलती रहे
बातों का सिलसिला कभी खत्म न हो मन में
प्रेम की कल कल ध्वनि बहती रहे गर्माहट रहे
रिश्तों पर न बर्फ जमे, ये देखना जरूरी है
आजकल रिश्तों में दरारें पड़ना आम बात है
सबको सिर्फ अपने स्वार्थ से काम है वरना
रिश्तों की डोरी में अनगिनत गांठे पडी हैं
हमें हर पल देखना जरूरी है रिश्तों पर बर्फ
न जमे कभी दिखावटी न हों नेकी करते चलो
@मीना गुलियानी
तुम्हारी बातों की गर्माहट ही मेरा मन बेसुध कर देती है
मिलने की तो बात ही अलग है तुमसे बात करके मन को
बहुत सुकून मिलता है तुम्हारा साथ मिले तो रसमय
रिश्ता और गहरा हो जाता है अपनत्व यूँ ही बनाये रखो
@मीना गुलियानी
आज मेरे पोते के पाँव ख़ुशी के मारे जमीन पर न पड़ रहे थे जिसकी वजह घर पर सबने उसको बहुत समझाया था
लेकिन तो अपनी डिमांड से पीछे नहीं हट रहा था कि मुझे एक ब्रीड वाला कुत्ता चाहिए। ऐसा नहीं कि कुत्ते कभी पाले नहीं लेकिन महामारी भी फैली हुई है ये सोचकर भी हम थोड़ा सा देर से दिलाना चाहते थे। कुत्ते का प्रसंग जुबां पर आते ही वो बहुत खुश हो जाता था। कोई और बात चल रही होती तो अपने आप कमरे से बाहर नज़र आता था। जबसे लॉक डाउन शुरू हुआ था तबसे उसने कुत्ता पालने की जिद पकड़ रखी थी। उसने तो नाम भी सोच रखे थे जैसे ब्रूनो ,लुई , जेज ,किड ,लाडो रॉकी ,कीका,आदि।
आज वो शुभ घड़ी आ गई उसकी आंखे बंद थी आँखें खुलते ही जैसे उसने कीका को अपने कमरे में देखा खुश होकर वो उससे लिपट गया कीका नाम भी उसी ने सुझाया। एक ही दिन में कीका ने सबका मन जीत लिया अभी वो मात्र २६ दिवस का ही कुत्ता था लेकिन उससे पालना स्वीकार कर लिया।अपने सारे दोस्तों से भी उसको मिलवाया। छोटे गेम भी खिलवाये गए। जेसे बॉल पकड़कर लाना गाजर सूंघना फिर पकड़कर लाना। उससे भी गेम में मज़ा आने लगा सभी बच्चे उसके भी दोस्त बन गए। कीका तो आज हीरो बन गया था। वो तो प्यार करना चाहता था। उसके पंजे के नाख़ून बड़े थे डाक्टर से पूछकर कटवाने भी थे। हल्की फुल्की खरोंच किसी को लग जाती थी। सब बच्चो को समझा दिया था अभी इसके पास ज्यादा मत जाना दूर से ही हल्का प्यार करना।
जब कीका सब बाते समझा जाता और बच्चे भी समझ जाते थे तो उसे ट्रीट मिलती थी जो कि इसका स्पेशल भोजन था वो दिया जाता था इना की ममी की ममी की ममी म के तोर पर दिया जाता था। कीका भी उसको पाकर गोळ गोळ घूमने लगता था। सबसे अच्छी बात यह लगी कि उसका खाने का बॉक्स जिसमे दो स्टील के कटोरे थे एक उसका बेडिंग भी लेकर आये। दस दिन के बाद उसका वेक्सिनेशन होना था। अभी तो नेरोलेक देते थे फिर गाजर का टुकड़ा उससे वो खेलता था। अपनी खाने की कटोरे उसकी पहचान में आ चुके थे। उसको हम कहते थे कीका फ़ूड ले लो वो दौड़ता हुआ आ जाता था। अजब समझ थी उसकी भी कि अपने तो तो बिस्तर तो गीला नहीं करता था बिस्तर से कूदकर बाहर निकल कूँ कूँ करने लगता था उसी समय उसे बाहर ले जाते थे या गैलरी में तब वो सुसु /पोटी करता था। इस उम्र भी इतनी समझ भी लाजवाब थी। धीरे धीरे हेडशेक करना सीख गया था। सबको पहचानने लगा था उसे कहते ममी पास जाओ तो नेशू की ममी के पास खड़ा हो जाता था उनके पास जाकर हाथ पैर चाटने लगता था। पापा कहते ही पापा के पाास दौड़कर चला जाता तथा वो उसके कानो के पास गर्दन के पास सहलाते थे वो भी बड़े मजे से उनके पैरों के पास पड़ा रहता था। प्रेम की अनुभूति तो जानवर भी करते हैं।
आज वेक्सिनेशन का वो डाक्टर के पास घबरा गया था जब उसके हाथ सुई देखी तो बेटे ने डाक्टर की सुरक्षा का भी ध्यान रखते हुए उसको अपने साथ सटा लिया कीका के सर पर धीरे धीरे हाथ फेरते गए तकि ज्यादा शोर न मचाये फिर भी इजेक्शन के वक्त तो वो जोर से चिल्लाया फिर उसको खूब प्यार किया बहुत पुचकारा धीरे धीरे वो जाके नार्मल हुआ हमें तो यह डर भी लग रहा था कि डाक्टर को ही न कहीं सुई चुभ न जाए। अब खतरा टल गया था कीका डाक्टर को घूरे जा रहा था क्योंकि उन्होंने सुई लगाई थी। अब वो घर जाने के लिए गोद में भी मचल रहा था। डाक्टर से जरूरी हिदायतें समझकर हम लोट आये।
घर पर आकर उस दिन थोड़ा गुमसुम सा वो पड़ा रहा। जाहिर सी बात है की इतना बड़ा इंजेक्शन लगवा कर जो आया था। उस दिन घर आकर खाना भी कम ही खाया था। शाम होने पर वो सब कुछ भूल गया था फिर बच्चो के साथ खेलने लगा। अब धीरे धीरे उसने गले में पट्टा पहनना सीख लिया। अब वो पट्टा पहनकर घर से बाहर जाता था एक पतली जंजीर भी नेशु के हाथ में होती थी। अब रोज़ इसी तरह हँसते खेलते वक्त कट रहा था घर पर एक सदस्य बढ़ गया था जो सबका प्यारा था।
@मीना गुलियानी
तुम कहो और हम न माने ऐसा कभी नहीं हो सकता
वो दिन कभी भी न आएगा जब कभी तुम्हारी अवज्ञा हो
मेरा दिन और रात तुम्हारे कहने से ही होती है हर बात
तुम्हीं से शुरू होती है तुम्हीं पे खत्म होती है रोज़ ही
तुम्हारे दीदार को आँखें तरसती हैं तुम आते हो तो
सूरज लेकर आते हो जाते समय खूबसूरत चाँद मुझे
देकर जाते हो ये क्या छोटी सी बात है तुम ही एक
करिश्मा हो मेरी जिंदगी का मैं पग़ वंदन करती हूँ
@मीना गुलियानी
क्यों बार बार निगाहें पलटकर
फिर से तुम्हें देखना चाहती हैं
क्यों दिल की धड़कन तेज़ हो
जाती है तुम्हारे बदन से चंदन
की खुशबु मन में बस जाती है
सारी शिकायतें भूल जाती हैं
मन तुम्हें पुकारता है ख्यालों में
तुम्हें बसाना चाहता है क्यों तुम्हें
पता नहीं चलता रुक्ते क्यों नहीं
@मीना गुलियानी
जीवन की तस्वीर तो देखो
इसमें इंद्रधनुष जैसे रंग हैं
मज़े की बात यह है कि
ये रंग हमने खुद भरे हैं
जीवन में कहीं ऊँचाई
कहीं समतल कहीं गहराई
कहीं रेगिस्तान कही ढलान
जीवन में ऐसे ही रिश्तों के
रंग भी हैं हँसी ,रोना ,ख़ुशी
गम इन सबसे भरपूर है
इन सबको देखकर हैरानी है
@मीना गुलियानी
जिंदगी को देखना कोई मज़ाक नहीं
इसे अच्छी तरह से देखोगे तो ये भी
तुम्हें देखकर मुस्कुराएगी ये तो
तुम्हारा ही प्रतिरूप हे आईना है
तुम्हें देखकर खुश होगी अगर उदास हो
तो ये भी दुखी होगी तुम्हारा प्रतिबिम्ब
ही है सारी दुनिया की ख़ुशियाँ तुम
जिंदगी में समेट लो फिर तो सारे
ही दुःख तुमसे दूर हो जाएंगे जिंदगी
तुमसे बातें करेगी तुम्हारी सहेली बनेगी
@मीना गुलियानी
मुझे जिंदगी तुम्हारी बंदिश में लगती है
लेकिन ये बंदिश भी मुझे तुम्हारे प्रेम से है
जो अपनी तरफ खींच लेती है ये कशिश है
जो मुझे जीने की आरजू लगती है वरना
इस तरह कोई कैसे बंदिश में रहेगा मगर
मुझे तुम्हारी ये कैद पसंद है क्योंकि एक
पंछी को जैसे अपने पिंजरे से मोह होता है
उसी तरह इस बंदिश से मोह गया है
@मीना गुलियानी
ये जानते हुए भी पहचानते हुए भी
मैंने तुमसे नाता नहीं तोड़ा क्योंकि
तुम्हारा दिल नहीं तोड़ना चाहा था
चाहे तुम सच मानो या झूठ इसमें
मेरी क्या गलती है कभी सोचा है
हर बार मुझे ही क्यों दोषी मानते हो
कभी खुद अपनी गलती भी मानो
@मीना गुलियानी
दिसंबर तुम्हारा स्वागत है
वक्त भी कैसे गुज़र गया
पूरा साल खत्म होने को है
अब जनवरी भी आयेगी
जैसे पहले आई थी नए
साल को नए वादों के साथ
तुम्हारे बाद फिर आयेगी
इस साल तो महामारी की
चपेट में देश आया सोचते हैं
तुम्हारे आने से महामारी का
भी अंत हो जाए फिर अगला
साल खुशियों भरा आये जो
सकंट मिटाये सुखमय हो
@मीना गुलियानी
वक्त नहीं गुज़रता बिन तेरे
काश तुम लौट आते सवेरे
काम तो चलते ही रहेंगे
सोचो तन्हा कैसे हम रहेंगे
@मीना गुलियानी
एक दूजे से दूर हुए
भले ही नज़रों से दूर हुए
तुम अपनी मग़रूरि से
कुछ मसरूफ़ियत से
तुमसे आया न गया और
हमसे बुलाया न गया
फासला प्यार में हम दोनों
से यूँ भी मिटाया न गया
दिल फिर भी पास हैं दोनों
में एहसास बहुत है जिसने
दोनों को ही बांध रखा है
@मीना गुलियानी
एक दूजे से दूर हम दोनों हैं मजबूर
भले ही नज़रों से हो दूर पर दिल
की धड़कन दोनों को सुनाई देती है
साँसो की सरगम भी बजती है
तुम्हें मेरी पुकार सुनाई देती है
मेरी हालत तुमसे छुपी नहीं रहती
@मीना गुलियानी
वक्त नहीं गुजरता तेरे बगैर
तन्हाई में तुमको याद करते
पल बीतते रात हो कि सुबेर
@मीना गुलियानी
२
जब मनवा बेपरवाह होकर जीता है
उसी जिंदगी को सार्थक कहते हैं
क्योंकि उसमें कोई लाग लपेट नहीं
ईश्वर भी उसे ठंडी छाँव में रखता है
जिसे वो कभी जान भी नहीं पाता है
@मीना गुलियानी
जीवन प्यार का गीत है
जिसे सांसों की सरगम
पर गया जा सकता है
मधुर संगीत को हम
गुनगुनाकर खुश होते हैं
@मीना गुलियानी
वो रास्ता मेरे लिए याद रखना मुश्किल न था
हर पगडंडी , पेड़, झरना सब जाने पहचाने थे
धरा भी अपना रूप बदलने लगी थी हर तरफ
हरियाली छा गई मौसम सुहाना हो गया था
मुझे याद करना पड़ा पहली बार कब मुड़ा था
तुम बेसहारा हो तो
किसी का सहारा बनो
तुमको अपने आप ही
सहारा मिल जाएगा
तुमको अपने आप ही
किनारा मिल जाएगा
शाम की उदासी में
एक फूल खिल उठा
जिससे सुकूं मिला
उदासी फना हुई
दिल गुनगुना उठा
@मीना गुलियानी
नए नए ख्वाबों के दिन हैं
उमंगों को प्रभु चरणों में
समर्पित करने के दिन हैं
@मीना गुलियानी
याद आया फिर से वो पुराना जमाना
कैसा सबमें वो अपनापन था याद आया
ऐसा लगा हमारा बचपन लौट आया
@मीना गुलियानी
मन का वातावरण बदल दो
इतना बोझ कब तक झेलेगा
दुनिया में रहकर पराया क्यों
इसे भी साथ लो घूमो फिरो
@मीना गुलियानी
खुद को बनाते बनाते
क्या से क्या हो गए हम
इतने सवेंदनशील हुए
गमगीन हो गए हम
खुद से दूर हुए हम
@मीना गुलियानी
दर्द कम नहीं होता भूलने से
यह ऐसा मर्ज़ है जो बढ़ता जाता
जब वो दिन ज्यादा याद आते है
हर बीते लम्हों से दर्द बढ़ता है
समाधान हर मुश्किल का है
मुसीबत आये तो मत घबराना
कहीं न कहीं तो सीखोगे सुलझाना
धैर्य न छोडो वरना पड़ेगा पछताना
आज का चाँद चमके
काली घटाओं के बीच
ऐसे में प्रियतमा का साथ
और भी अच्छा लगा
उसे देखूँ या चाँद देखूँ
दोनों की रंगत एक है
@मीना गुलियानी
मन साफ रखो किसी के प्रति भेद भाव न रखो
चोरी, भेद भाव , दुराव ,दोस्ती के दुश्मन हैं
भेद खुल जाने र तुम स्वयं नज़रों से गिरोगे
जितना मन साफ़ होगा उतने ही करीब होंगे
@मीना गुलियानी
जिंदगी खूबसूरत है जब तक तुम साथ हो
तुम्हारे बिना ये सुनसान पड़ जाती है
लगता हे इसे तुम्हारी लत पड़ गई है
जो हर समय तुम्हें तलाशती रहती है
@मीना गुलियानी
अब भी वक्त है सम्भल जाओ
नहीं तो सब तुम्हें ढूँढ़ते रहेंगे
शराब के ठिकाने पर तम्हे
सब हिकारत से देखेंगे
मीना गुलियानी
आज का चाँद चमका तो उसमें
तुम्हारा ही रूप चमकने लगा
गगन तुम्हारी सुंदरता से शर्माया
चाँद भी बादलों की ओट में छिपा
अगर तुम चाहो तो
करीब आ सकते हो
वरना हमारे दरम्यां
काफी समय से दूरी है
जिसे मिटाना होगा
फिर से रौनक होगी
दिल भी झूम उठेगा
@मीना गुलियानी
दिल फूल है हमारा
अलग अलग रंगों से
सजा है गुलशन हमारा
हर फूल खुश है एहसास
हमारे गम मिटाता है
दिल में उतर जाते हैं लोग
कुछ आँखों में समाते हैं
कुछ हसीन यादों में बसते हैं
कुछ नीदें उड़ा देते हैं लोग
@मीना गुलियानी
हासिल हो भी जाए तो क्या
जब सुरूर मिट गया आये साकी तो क्या
बर्बाद तो हो ही चुके हम नशेमन से क्या
बागबां लुट गया चंद फूलों से क्या
@मीना गुलियानी
बचपन के दोस्त दूर होकर भी याद आते हैं
फूलों की तरह हमेशा खुशबु फैलाते हैं
कभी वो सितारा बनके जगमगाते हैं
@मीना गुलियानी
शुभ दीपावली तभी कहलाती है
जब आसपास के गरीब लोग भी
अपनी जरूरत पूरी कर सकें
सबके घरों में उजाला हो सबके
चेहरों पर हँसी झिलमिलाए
छल कपट से दूर होके मुस्कुराएं
@मीना गुलियानी
अंधेरों से कहदो अब कहीं दूर जाएँ
वक्त बदल चुका है प्रकाश को लाएं '
बदनसीबी की चादर की जगह
प्रकाश को भीतर लाएं खुशहाली लाएं
@मीना गुलियानी
एक दिया तेरे नाम का मैंने भी जलाया है
बाहर की सारी कटुता भूलकर तुझे पाया है
अब तो रोज ही खुशियों की दिवाली होगी
दिल इस बात पर कितना इतराया है
@मीना गुलियानी
अपनों का इंतज़ार हर किसी को रहता है
बेटा अगर विदेश में हो माँ का दिल रोता है
हर वक्त तो कोई साथ भी नहीं देता
सिर्फ ऊपर वाले पे ही यकीं होता है
क्यों दिल को भाये मुस्कुराना तेरा
भंवरे ने भी सीखा गुनगुनाना तेरा
मोर सरीखी मस्त चाल है ये तेरी
तेरे दिल ने लूटा सारा खज़ाना मेरा
दीपावली की हर खुशी तुमसे है
तुम पास नहीँ होते तो खुद बेमन से
दीपावली मनाते हैं जो नागवार होती है
गम के दरिया में डूब जाते हैं कहीं
किनारा कहीं नहीं पाते हैं अब
लौट आओ जिंदगी में रंग भरदो
मिलकर निर्माण करें हम
मेहनत करने से न डरे हम
आशाओं के सुमन बिखेरें
धरा पे स्वर्ग आह्वान करें हम
@मीना गुलियानी
बिना चाह के कुछ नहीं मिलता
चाह होने से ही सब मिलता है
मानव किसी चाह होने पर ही
उस ओर मुख़ातिब होता है
उसे पाकर ही वो दम लेता है
@मीना गुलियानी
रात बढ़ती हुई पैगाम देती है
दिल दिमाग को राहत देती है
सबसे ग़ाफ़िल मंजिल पाती है
@मीना गुलियानी
कुछ छूट रहा है इस जीवन पथ पर
अपनों का प्यार दुलार सब भूल कर
काम की तलाश में बहुत दूर जाकर
अपना घर देश विदेश बन गया है
चंद पैसों की खातिर छूट रहा है
@मीना गुलियानी
चश्मा उतार कर देखो
दुनिया हसीन दिखेगी
नहीं तो गमगीन है
ये सारा ही संसार
@मीना गुलियानी
तेरी यादों के सहारे जी रहे थे हम
तुमने हमें किसी काबिल न समझा
हमें सबके सामने रुसवा कर दिया
@मीना गुलियानी
तुम पुरुष होने का दम्भ भरते हो
यह तो ईश्वर की ही देन है
कुछ पुरुष जैसे काम भी करो
सिर्फ नाम से ही काम मत करो
@मीना गुलियानी
महानता है काम से
लोग सिर्फ नाम के लिए
नाटक सा रच लेते हैं
सब लोग वाकजाल में
फँसकर तंज कसते हैं
कभी बुध्दू भी बनते हैं
तुमने वादा किया था
हमेशा साथ निभाने का
एक ज़लज़ला क्या आया
हाथ छुड़ाकर चल दिए
@ मीना गुलियानी
तुझे हम कबसे चाहते थे
इस राज़ को छुपाना चाहा
न जाने कैसे उजागर हुआ
दुनिया ने कसूरवार कहा
सबकी आँखों में नागवार था
@मीना गुलियानी
ख़्वाब नहीं देखा तबसे जबसे तुम चले गए
ऐसी भी क्या ख़ता मुझसे हुई क्यों जुदा हुए
@ मीना गुलियानी
सदा बेहतर होता है
जब भी प्रेम से देखें
कटुता निकलती है
प्रेम में विश्वास होता है
जज्बात निखरते हैं
दूरियाँ मिटती हैं जो
दूर था वो करीब होता है
@मीना गुलियानी
दिल पर नज़र रखनी है
ये मुश्किल से मिला है
कायनात में सुंदर है
उपहार तुझसे मिला है
@मीना गुलियानी
नज़र रखना अपने दिल पर
कहीं ये खो न जाए
कहीं बेकाबू न हो जाए
इतनी बड़ी दुनिया है
किसी और का न हो जाए
@मीना गुलियानी
एक दीया तेरे नाम का हमने जलाया है
तेरे प्यार की यादों से सुकूँ हमने पाया है
जब भी दुःख भरी आँधियाँ बुझाने चली
हमने उन सबसे अपने आँचल में छुपाया है
इक दिया तेरी यादों का हम जलाते हैं
तुम जब देखकर अनदेखा करती हो
तुम्हारी दी हुई चोट को सहन करते हैं
@मीना गुलियानी
मेरी कमनसीबी तो देखो
जिसके साथ चाय पीनी थी
वो हाथ छुड़ाकर चला गया
दुनिया में हमें रुसवा कर गया
@मीना गुलियानी
जी मेरी शेरां वाली दे आगे वंदना
इक वारी वंदना हज़ार वारी वंदना
--
मेरी मैया दे गल विच हार वे
मैं तां आई मैया दे दरबार वे
ओथों मुक्ति डा दान ऐसा मंगणा ----
मेरी मैया दे द्वारे जो कोई आवे
मुओं मँगिया मुरादा ं पावे
एदे दर तो सब कुछ मंगणा ---
मेरी मैया जहाज बनाया
अपनी शक्ति दे नाल चलाया
आवो आवो जिन्हां ने पार लंगणा --
@मीना गुलियानी
आए हाँ द्वारे तेरे खाली न मोड़ माँ
दे दे दीदार दाती होर कुछ लोड़ ना
वैरी ते होया ऐ माँ ऐ जग सारा
जोतां वालिये माँ तेरा ही सहारा
पार लगा दे आ तरा दे नैया रोड़ ना --
नंगी नंगी पैरी मैया अकबर आया
सोने दा छत्र तेरी भेंट चढ़ाया
मान मिटाया सी ट्राय रखी थोड़ ना --
दासी पुकारे मैया दे दे हुलारे
माँ जगदम्बे तेरा बचडा पुकारे
मेरी वी बनादे आ तरा दे आशा तोड़ ना --
@मीना गुलियानी
तेरा मेरा साथ माँ पुराना है
नाता ये प्रेम का निभाना है
तू मेरी माँ जगत की जननी है
तेरे चरणों में ही ठिकाना है ----
तूने लाखों को भव से तारा है
खड़ा तेरे दर पे इक दीवाना है ------
मैया तेरा हमें सहारा है
दिल तुझे भेंट माँ चढ़ाना है -------
तेरी नज़रें खफ़ा कभी न हों
मुझको इनमें ही तो समाना है -------
@मीना गुलियानी
सिर को हमने आके झुकाया शरण तेरी पाने को (भेंट )
छोड़ तेरा दर न जायेंगे ठोकरें खाने को
याद में तेरी आंसू आये
गीत विरह के हमने गाये
अश्कों की माला है पिरोई
तुमको पहनाने को ----------
दुनिया ने मुँह मोड़ा हमसे
सबने नाता तोडा हमसे
मायाजाल को तोड़के आये
दर पे मिट जाने को --------------
भूलें हुईं नादाँ हैं हम तो
बच्चे बड़े अन्जान हैं हम तो
भूलों को बिसरा के आओ
हमको अपनाने को ------------
@मीना गुलियानी
जय जय हे जगदम्बे माता
द्वार तिहारे जो भी आता बिन मांगे सब कुछ पा जाता
तू चाहे तो जीवन दे दे चाहे तो पल में जीवन ले ले
जन्म मरण सब हाथ में तेरे हे शक्ति हे माता ------------
पापी हो या होये पुजारी राजा हो या कोई भिखारी
फिर भी तूने जोड़ा सबसे माँ बेटे का नाता ----------------
जब जब जिसने तुझको पुकारा तूने दिया हे बढ़के सहारा
हर भूले राही को तेरा प्यार ही राह दिखाता ----------------
@मीना गुलियानी
-एक बार आओ जी गुरुजी म्हारे आंगणा
म्हाने दर्शन दीज्यो महाराज थाने अर्ज़ करां
सारी दुनिया थांकी गुरूजी जय जयकार बुलावे
थांकी झांकी निहारुँ दिन रात
गुरूजी थाने अर्ज करां
सारी संगत गुरूजी कितनी दूर दूर सूं आवे
सबकी बिगड़ी बनावो महाराज
गुरूजी थाने अर्ज करां
गुरूजी थारी सेवा करबा में तो हूँ अज्ञानी
म्हारी विपदा मिटावो महाराज
गुरूजी थाने अर्ज करां
गुरूजी थे तो जाण ल्यो जी सबके मन की
सबकी सुण ल्योजी सारी बात
गुरूजी थाने अर्ज करां
सबकी विनती सुण लो गुरूजी ,सबके काज सवारो
सबकी सुन लो जी फरियाद
गुरूजी थाने अर्ज करां
@मीना गुलियानी
गुरूजी तेरे दर पे मैं तो आ गया
हाले दिल तुमको सुनाने आ गया
दुनिया ने लाखों सितम मुझ पर किये
दिल का दुखड़ा मैं बताने आ गया
सोचता था दास्ताँ तुझसे कहूँ
लगता है अब तो ठिकाने आ गया
सर पे मेरे अवगुणों की पोटली
सर झुकाके तेरे दर मैं आ गया
तेरी महिमा जबसे मैंने भी सुनी
तकदीर अपनी मैं जगाने आ गया
@मीना गुलियानी
मेरे गुरूजी दर्श दिखलाना तू जल्दी आना
प्यारा तेरा नाम रे तेरी राह निहारुँ सुबह शाम रे
हर पल तेरी गुरूजी राह निहारुँ दिल को मेरे न तरसाओ
बदल भी दो मेरी किस्मत की रेखा सोया भाग्य जगा जाओ
गुरूजी आओ दर्श दिखाना छोडो तुम तरसाना ----------
तेरी याद में नैन बावरे हर पल रोते रहते हैं
दर्शन के बिन व्याकुल नैना हर पल भीगे होते हैं
गुरूजी तेरे दर्शन चाहूँ और न कुछ भी मांगू
मेरी किस्मत को आप चमकाना दर्श दिखलाना
निराली तेरी शान रे बड़ा प्यारा लगे मुझे तेरा धाम रे -----
@मीना गुलियानी
गुरूजी तेरे नाम को रटते गुज़री रे उमरिया
इन नैनों की प्यास बुझाने आओ मेरी झोंपड़िया
दर्शन के बिन प्यासे नैना हर पल तुझको ध्याते हैं
कब सुध लोगे हम दीनन की व्याकुल हम हो जाते हैं
आओ मेघ बन बरसो गुरूजी हमारी भी अटरिया ----
तेरे दर्शन के प्यासे दिल को चैन कहीं नहीं आता है
दे दो भिक्षा प्रेम की हमको दिल ये बड़ा रुलाता है
आओ तन मन शीतल करदो दर्शन दो सांवरिया --
भूलें हमारी भूल भी जाओ हमको आस तुम्हारी है
रास्ता भूलकर भटक गए हम रहम की आस हमारी है
अपने प्रेम की भिक्षा दे दो दर्शन दो सांवरिया ------
@मीना गुलियानी
तेरे सिवा गुरूजी मेरा कोई नहीं है
आ जाओ दर्शन दो क्यों देर करी है
तेरी आस लेके आये तेरे दीवाने
तेरा ही सहारा हमको तुझको मनाने
तू जो मिल जाए तो किनारा भी करीब है ----
रहमो कर्म की गुरूजी वर्षा बरसाना
तुझ पर भरोसा हमको न ठुकराना
आये हैं सहारे तेरे हम खुशनसीब हैं --------
ढूंढ लिया है तुमको तुम न भुलाना
गुरूजी हमे तुम चरणी लगाना
पार लगाना तुम बचाना हमारा नसीब है ------
@मीना गुलियानी
सोढ़ाला में तूने भवन बनाया ,तेरे दर्शन करने को आज आया
करो कृपा आज गुरूजी
अष्टमी की घड़ी शुभ है आई, माँ शेरों वाली दर्शन देने आई
सबको माता ने दर्श दिखाया ------------------------------
पूरे होते सबके काम सारे ,दुखियारों की यहाँ लगीँ कतारें
माँगा वरदान किसी ने वो पाया ----------------------------
भूले भटके तेरे धाम जो आये , उनको गुरूजी पार लगायें
सफल हो गई इच्छा जो लाया ----------------------------
कृपा से संवरी किस्मत की रेखा ,जब जब भक्तों ने द्वारे मत्था टेका ,
गुरूजी का आर्शीवाद पाया ---------------------------------
@मीना गुलियानी
गुरूजी तेरे दर पे आया , यूँ न तू ठुकरा मुझे
तेरे दर दामन पसारा ,चरणों से तू लगा मुझे
तेरे द्वारे आ गया , गुरूजी मैं घबरा गया
अपने कर्मों को देखकर ,गुरूजी मैं शर्मा गया
माफ़ कर देना तू मुझको समझकर नादाँ मुझे -------
गुरूजी मैं नहीं पास हूँ ,फिर भी तेरा ही दास हूँ
विषयों ने भरमा दिया,मैं तो अब घबरा गया
तेरे चरणों में गिरा हूँ, गुरूजी तू अपना मुझे --------
@मीना गुलियानी
तेरा सुमिरन मैं करती हूँ तेरा नाम ही मेरा सहारा है
इसी नाम को जपके लाखों ने पाया वरदान तुम्हारा है
लाखों को पार लगाते हो हर संकट से बचाते हो ,
नैया को तुम्हीं बचाते हो, पतवार से पार उतारा है ----
रक्षा करते हो सबकी तुम मुक्तिपथ तुम्हीं बताते हो
निर्बल का सहारा हो तुम ही तेरे नाम पे सब कुछ वारा है ---
द्वारे पे मेले लगते हैं यहाँ ढोल नगाड़े बजते हैं
दुखिया सुख पा जाता है मिलता जब उसे सहारा है ---
तुम सबकी लाज बचाते हो हर दुखिया को अपनाते हो
तेरे चरणों से बहती गंगा जो अमृत की इक धारा है ----
@मीना गुलियानी
नाम लगन दिल में जागी
मन मेरा हुआ अनुरागी
सत्संग से जोड़ा नाता
जग से तोडा हर नाता
गुरु चरणन से प्रीत लागी ----
सच से प्रीत जुडी ऐसे
मन वैरागी बना ऐसे
झूठ से हर तृष्णा भागी ---
गुरूजी ने ऐसा ज्ञान दिया
जीवन हमारा संवार दिया
नाम की जोत दिल में जागी ----
@मीना गुलियानी
गुरु जी तुम्हारे दर का मैं सेवादार था
आज भी हूँ और कल भी रहूँगा
तुम बहुत दयालु हो सबसे प्रेम करते हो
जो कोई हो दीन दुखी उसका गम दूर करते हो
सदा करें याद तुमको दिल बेकरार था ---------
इस दिल को मिलता है करार दर पे आने से
नैया को मिले पतवार फ़िक्र न अब ज़माने से
भंवर में अटकी नैया करो भव से पार है -------
मैं तो हूँ अज्ञानी मुझे हर ज्ञान तुम दे दो
मेरे नैना हैं तरसें इन्हें दर्शन ज़रा दे दो
दिल को मेरे तेरे दर्शन की आस है ------
@मीना गुलियानी
चलो चलो रे गुरूजी धाम जय जय बोले
गुरूजी के भवन पे काहे मन डोले
सोडाला में धाम गुरूजी का देखो शोभा न्यारी
गुरूजी दर्शन की खातिर आवे संगत सारी -----
गुरु जी का तू नाम सुमिर ले छोड़ आसरा दूजा
मन में तू विश्वास जमा ले करले इनकी पूजा ----
तू भी नाम सुमिर ले भाई काहे ढूँढे मक्का
गुरूजी तेरे मन में रहता क्यों है हक्का बक्का ----
काहे न सुमिरे नाम तूने सारी उम्र गुज़ारी
क्या जाने करनी पड़ जाए चलने की तैयारी -----
@मीना गुलियानी
तेरे दर पे आ गई हूँ , झोली को मैं फैलाऊँ
भरदे जो झोली खाली वो दुआ कहाँ से लाऊँ
तुझे तो पूजते हैं सारे जहान वाले
खोले हैं तूने लाखों किस्मत के बंद ताले
हों मुरादें सबकी पूरी वो सदा कहाँ से लाऊँ -------
तेरे बिन जहान में तो मेरा न और दूजा
करती हूँ रात दिन मैं सिर्फ तेरी पूजा
जो बहार बनके बरसे वो घटा कहाँ से लाऊँ -------
@मीना गुलियानी
गुरूजी तुम कृपा करो तेरे दर पर आऊँ मैं
मेरे सिर पर हाथ धरो तो भव तर जाऊँ मैं
तेरे सिवा न कोई मेरा
झूठा जग ये सारा है
तेरी कृपा से पाया
इक तेरा ये द्वारा है
तुम पार करो भव से
उस पार उतर जाऊँ मैं ----------------------
जिस पर कृपा होती
वो बन जाता है मोती
इस जग में वो चमके
जैसे हीरे की ज्योति
सच्चाई समझ आये तो
पल में ही उबर जाऊँ मैं -------------------
@मीना गुलियानी
मैं तो भूल गया अपनी भी राह ,गुरूजी बचाने वालया
मुझे सत्यपथ बतला , नाम को जपाने वालया
कैसे करूँ पूजा करना न जानू
भटक गया हूँ कहना न मानूँ
मुझे सीधी राह बता -------------
तेरे सिवा मेरा कोई और नहीं है
मेरे लिए इस जहाँ में ठोर नहीं है
-मुझे अपनी शरण लगा ----------
भंवर में अपनी नाव पड़ी है
कैसे करूँ पार मुश्किल बड़ी है
मेरी पतवार चला --------------------
@मीना गुलियानी
आजा ओ राही जाने वालया , गोकुल धाम तो बता जा
सबसे हारकर पूछा नाम पता तो बता जा ---------------
कहाँ रहते हैं गुरूजी , कहाँ उनका द्वारा है
सुनते हैं भक्तोँ को वो देते सहारा हैं ------------------------
पहुँचो तुम सोढ़ाला वहाँ धाम न्यारा है
संसार से ठुकराए पा जाते सहारा है ---------------------
जो निश्चा से आये लौटा न खाली है
झोली सबकी भरते जिसने भी पुकारा है --------------
@मीना गुलियानी
मैंने हर पल तुमको पुकारा
शरण तेरी आया गुरूजी ----
तेरा ही बस लिया सहारा
शरण तेरी आया गुरूजी -------
मोहमाया के बंधन कैसे कोई काटे
जितने दूर भी जाएँ उतने बढ़ते जाते
सर पे गुरूजी हाथ तुम्हारा ---शरण ----
माया की आंधी ने हर पल हमें नचाया
जितना दूर भी भागें सर पर गहरा साया
भवसागर से पार उतारा -----शरण ------
तृष्णा ने जी भर लूटा काम ,क्रोध बढ़ाया
तेरे नाम को जपते तेरे द्वारे आया
लिया है हमने तेरा सहारा -----शरण -----
@मीना गुलियानी
मैं तो गुरूजी तेरी शरण आया ,डालो तुम अपनी मेहर का साया
होगा कल्याण जिसने शीश नवाया ,सब कुछ है वरदान में पाया
तेरे धाम की शोभा कितनी निराली
आये जो सवाली कभी जाए न खाली
मैं भी आज तेरी शरण में हूँ आया ---------------------------------
सुनते हो पुकार सबकी जो भी पुकारे
तेरी शरण हम आए दे दो सहारे
अपनी इच्छा पूरी करने हूँ आया ------------------------------------
कितनी बार पुकारा तुम नहीं आये
सोचके मेरा मन घबराये
तेरे काबिल बनने हूँ आया
@मीना गुलियानी
-बिगड़ी बनाने वाले गुरूजी एक तू है
जिसका न कोई जग में उसका सदा ही तू है
तेरा नाम सुनके आया , जग का हूँ मैं सताया
कुछ नज़रे करम करना ,डालो मेहर का साया
दिल की सदाएँ सुनलो मेरा एक तू है ---------
जाऊँ किधर यहाँ से , तू ही ज़रा बता दे
है कौन और मेरा ,तू ही मुझे बता दे
मेरा वास्ता तुझी से मेरी आत्मा भी तू है -----------
तेरे सिवा न कोई ,सुनलो मेरी कहानी
मैं तो फंसी हूँ जग में ,रिश्तों से हार मानी
तू ही मेरी आरजू है तू ही मेरी जुस्तजू है --------
@मीना गुलियानी
एक बार आओ जी गुरूजी म्हारे आंगणा
थाने याद करूँ मैं दिन रात ----गुरूजी ----------
सब दुनिया ने मालूम होवे गुरूजी म्हारे घर आये
थांकी पूजा करूँली दिन रात -----गुरूजी ---------
सब दुनिया से लागे मीठो थांका नाम प्यारो
थारी जोत जलाऊँ दिन रात -----गुरूजी ----------
सब दुनिया जाणे है गुरूजी थारी महिमा भारी
गुण गाऊँगी तिहारे दिन रात -----गुरूजी --------
सारी दुनिया थांकी गुरूजी जय जयकार बुलावे
थांकी झांकी निहारूँ दिन रात -------गुरूजी -------
@मीना गुलियानी
कबीर जी का भजन
मन लागयो मेरो यार फकीरी में
जो सुख पायो नाम भजन में सो सुख नाहीं अमीरी में
भला बुरा सबको सुन लीजे , करि गुजरान गरीबी में
प्रेम नगर में रहनी हमारी , भलि बनी आई सबूरी में
हाथ में कुडी बगल में सोटा , चारों दिशा जागीरी में
आखिर ये तन ख़ाक मिलेगा ,काहे फिरत मगरूरी में
कहत कबीर सुनो भई साधो ,साहिब मिले सबूरी में
कबीर जी का भजन
क्या तन माँजता रे , इक दिन माटी में मिल जाना
जब तक तेल दिए में बाती जगमग जगमग होये
बीता तेल निपट गई बाती ले चल ले चल होये -----------
छेलो बनकर फिरे जगत में धर पगड़ी में फूल
कालबली का लगे तमाचा जाए चौकड़ी भूल ---------------
हाड जले जस लाकड़ी रे केस जले जस घासा रे
सोने जैसी काया जल गई कोई न आवे पासा ---------------
घर की तिरया झुर झुर रोवे बिछुड़ गई मेरी जोड़ी रे
कहत कबीर सुनो भई साधो जिस जोड़ी तिस तोड़ी -----
(कबीर जी के भजन )
मोरे सतगुरु हैं जी रंगरेज़ चुनर मोरी रंग डारी
शाही रंग छुडाके दिया मँझीठा रंग
धोबी से छूटे नहीं दिन दिन होत सुरंग ---------
भाव के कुंड नेह के जल में प्रेम रंग दई बोर
चस्के चास लगाई के रे खूब रंगी रे झकजोर -------
सतगुरु ने चुनरी रंगी रे सतगुरु चतुर सुजान
सब कुछ उन पर वार दूँ मैं तन मन और ये प्राण ------
सतगुरु की महिम अनन्त अनन्त किया उपकार
लोचन अनन्त उघाड़या अनंत दिखावण हार ----------
कहे कबीर रंगरेज़ गुरूजी मुझपे हुए दयाल
शीतल चुनरी ओढ़के मैं मगन भई हो निहाल ----------
@मीना गुलियानी
मन गा ले प्रभु के गीत , हरि से प्रीत लगा ले
तेरा जीवन होये सुरजीत हरि से प्रीत लगा ले
माया लगन किया तुझको मगन
तृष्णा की अग्नि को बढ़ाया
जीवन भर में कपट किये तूने
नाम प्रभु का न गाया
जप नाम होये तब जीत ---------
जगत है सपना कुछ भी न अपना
जाना यहाँ से अकेला
तेरी जवानी है बुदबुदा पानी
दुनिया हे दो दिन का मेला
ये जीवन न जाए बीत -------------
@मीना गुलियानी
कर भजन तू रे बंदे की इक दिन छोड़के ये जग है जाना
तोड़ दे झूठे मोह के बंधन क्यों इनमे भरमाया
छोड़ दे इस झूठी क्यों संसार बसाया
क्यों तू भूल गया रे ---साथ न कुछ भी जाना ----------
विषयों की भूल भुलैया में तू वचन गर्भ का भूला
ईश्वर सुमिरण कर न पाया यौवन में तू फूला
तन पर कर अभिमान रे बंदे ----अब है पड़ा पछताना -------
ये जग है इक पंछी का डेरा छोड़के इक दिन उड़ना
नाम बाबा का जप ले तू जो भव से पार उतरना
छोड़के झूठे धंधे जग के -----गुरूजी की शरण में आना --------
बाबा का नाम पतितपावन है तर गए पापी सारे
गौतमी और अहिल्याबाई शाप के मारे
है मेरा बाबा दयालु ऐसा ---पल में मिले ठिकाना ----------
@मीना गुलियानी
है मेरा बाबा दयालु ऐसा -----पल में मिले ठिकाना ---------
@मीना गुलियानी
रे मन अब तो चेत रे - बिरथा जन्म न जाए
काहे को तूने महल बनाया
चार दिनों का देस रे-------- - बिरथा जन्म न जाए
कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी
कपट का धरकर भेस रे --- बिरथा जन्म न जाए
रैन दिवस तूने यूँ ही गँवायो
भूल गया निज भेस रे बिरथा जन्म न जाए
चेत सके तो चेत रे बंदे
क्या होवे चुग जाए खेत रे बिरथा जन्म न जाए
हाड़ मांस की काय टोरी
प्रीति कीन्ही किस हेत रे बिरथा जन्म न जाए
अब रोने से क्या होवेगा
कल ने पास दिया फैंक रे बिरथा जन्म न जाए
चार कहार तुझे लेने आये
छोड़ चला परदेस रे बिरथा जन्म न जाए
@मीना गुलियानी
छोड़के जग को है इक दिन जाना
भूल न जाना बंदे भूल न जाना
ये तो है इक रैन बसेरा किसका रहा है सदा बसेरा
हुआ सवेरा अब उड़के है जाना --------------------
ये तन है मिट्टी का खिलौना माटी से हुआ पैदा माटी में मिलना
मोहमाया में तू मत भरमाना ------------------------------------
झूठी हे ये दुनिया सारी स्वार्थ की प्रीती सारी
फंस गया तो फिर पड़े पछताना -------------------------------
भज गुरूजी का नाम हे बंदे जीवन को तू सुधार ले बंदे
चौरासी के फंदे में न आना ----------------------------------
भवसागर में मेरी नैया पार उतारो मोरे खिवैया
गुरूजी मुझे तुम पार लगाना --------------------------------
@मीना गुलियानी
बीती भजन बिन तेरी जिंदगानी
होने को आई खत्म कहानी
वचन गर्भ में किया उसे भूल गया वादा तोड़ दिया
बहुत करर्ली तूने ये मनमानी -----------------------
पैसे पे गुमान किया नुक्सान किया अभिमान किया
अब न चलेगी चाल पुरानी ---------------------------------
रिश्तों से प्यार किया एतबार किया अहंकार किया
बिसर गई सब प्रीत पुरानी ----------------------------------
विषयों ने दास किया मोह ने घेर लिया मजबूर किया
कैसी हठ थी ये अनजानी ----------------------------------
जीवन बेकार किया न भजन किया न सुधार किया
अब टपकाये आँख से पानी ---------------------------------
डोली में सवार किया, नाता तोड़ लिया मुख मोड़ लिया
जिंदगी की यही रीत पुरानी ------------------------------
@मीना गुलियानी
करो नित नाम का सुमिरन अगर मुक्ति को पाना है -
अरे पगले ये वो घर है जो इक दिन छोड़ जाना है
अवस्था जा रही तेरी बना ले नाम सुमिरण से
वो खर्ची साथ ले अपने वहाँ पर पहुँच जाना है
किया नहीं कर्म शुभ तूने दिया नहीं दान हाथों से
जिव्हा से न किया सुमिरण तेरा किस जगह ठिकाना है
तेरा दमदम में दम जाता तुझे कुछ नज़र नहीं आता
तेरी करतूत का पर्चा तेरे दर पे भी आना है
जो रिश्तेदार हैं तेरे जिन्हें तुझसे ये उल्फत है
तेरे इस जिस्म को अग्नि पर रखके फिर जलाना है
@मीना गुलियानी
गुरु बिन तेरो कौन सहाई , मात पिता सुत नारी भाई
अंत सहायक नाहीं ------------------------------------
क्यों करता है मेरी मेरी, ये तन एक राख की ढेरी
छोड़के पिंजरा इक दिन उड़ना क्यों ये प्रीत लगाई
तज दे झूठी माया काया क्यों मानव इसमें भरमाया
गुरु जी ने सच्चा तत्व बताया वो ही तेरा सहाई
ये जग है इक झूठी माया कंचन जैसा महल बनाया
तूने माया में मन को रमाकर चैन गंवा दिया भाई
गुरु को मीत बनाले अपना ये जग है इक झूठा सपना
छूटेंगे जिस दिन प्राण तेरे तो हंस अकेला जाई
@मीना गुलियानी
बन्दे न भूल प्रभु संसार से जाना है ---------
तू छोड़ दे सब बंधन न पल का ठिकाना है
यहाँ मात पिता भाई मतलब के साथी हैं
जब स्वार्थ निकल जाए तेरे संघाती हैं
ये दुनिया दो दिन की जो मुसाफिरखाना है -------
यहाँ रावण से योद्धा आये और चलते गए
कई वीर सिकंदर से हाथों को मलते गए
रह गया यहीं उनका सब माल खज़ाना है ----------------
धन दौलत और माया न संग में जायेगी
दुनिया की हर वस्तु यही पे रह जायेगी
माटी से तू आया माटी में समाना है -------------
सुन अंत समय तेरे कुछ भी न जाएगा
भज ले हरि को प्राणी नहीं फिर पछतायेगा
सब छोड़के तू बन जा प्रभु का दीवाना है ------------
@मीना गुलियानी
बिगड़ी बनाने वाले गुरू जी एक तू है
जिसका न कोई जग में उसका सदा ही तू है
तेरा नाम है वो साधन भव पार जो कराये
तेरे द्वारे आने वाले आते हैं बिन बुलाये
लेके आस जो भी आये उसका सदा ही तू है
मैं तो हूँ अज्ञानी गुरूजी कृपा तो करना
दोनों हाथो से मेरी खाली झोली आज भरना
तेरे नाम का सहारा मेरा आसरा भी तू है
तेरा द्वार छोड़कर मैं जाऊँ कहाँ बता दे
मैं आस का हूँ पंछी मुझे रास्ता दिखा दे
मैं धूल तेरे चरणन की मेरा पासबाँ भी तू है
@मीना गुलियानी
पहले गुरु महाराज को मनाएँ , फिर शुभ काम करें
उनके चरणों से शीश झुकाएँ ,फिर शुभ काम करें
रूप गुरूजी का कितना है न्यारा
जैसे सूरज चाँद और तारा
अलख निरंजन रूप ध्यायें -----------------------------
धाम गुरूजी का इतना प्यारा
सोढ़ाला में है इनका द्वारा
इनके चरणों में हाज़री लगायें -------------------------
जो भी दुखिया दर पे आये
खाली झोली भराके ले जाए
उनके चरणों में शीश नवाएँ -----------------------------
जो कोई इनकी शरण में आये
दूर भाग जाएँ काले साये
रहमत गुरूजी उसपे बरसाएँ ---------------------------------
@मीना गुलियानी
आरती तेरी गुरूजी मैं गाऊं
नित चरणन में शीश नवाऊँ
जब विपदा ने मुझे सताया
गुरूजी आपने मुझे बचाया
कैसे मैं उपकार भुलाऊँ -------------------
हम अज्ञानी आये दर पर तेरे
छाये हैं घनघोर अँधेरे
बंधन काटो मुक्ति पथ पाऊँ --------
माया ने हमको उलझाया
गुरूजी ने सत्यपथ बतलाया
कृपा करो तो पग मैं बढ़ाऊँ ----------
लख चौरासी के हैं फेरे
काटो भवबंधन के घेरे
भवसागर से मैं तर जाऊँ -----------
@मीना गुलियानी
मेरे दिल ने तुझे ही दी है सदा , मेरी बारी मत देर लगा
तुम सुनके सदा मेरी आ जाओ आ जाओ आ जाओ
मेरे दिल की धड़कने तेरा नाम ले रही हैं
मेरी नाव की पतवार गुरु जी तुझे ही दी है
जीवन की धूप छाँव गुरु जी तुझे ही दी है
मैंने सांसो की डोरी गुरु जी तुझे ही दी है
जीवन की रेखा भी तेरा नाम ले रही है
हर दिल की तूने गुरूजी मुरादें पूरी की हैं
@मीना गुलियानी
आओ भक्त सारे मिलके जी नाम उनका जपते
चलें हम चलें हम गुरु जी के द्वार
गुरु जी के द्वारे का अलग नज़ारा
सुंदर है कितना लगता है प्यारा
तराने गाएँ मिलके जी मन की लगन के --------
देखा हे संसार कितना है खोटा
हर पल यहाँ बस धोखा ही धोखा
तृष्णा को मिटाएँ गुरूजी के गुण गाएँ ------------
दिलों के अरमां वो सबके पुजाएँ
आओ सब मिलके जयकारा बुलाएँ
आया जो सवाली लौटा कभी न खाली ----------
@मीना गुलियानी
मेरी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है
चले भी आओ कि दिल बेकरार आज भी है
वो रास्ते हैं मुबारक जहाँ से तुम गुज़रे
शूल भी फूल बने वो बहार आज भी है -------
तेरे चरणों की धूल मैंने पाई थी जहाँ
ज़र्रे ज़र्रे पे उसके निशान आज भी है -----------
तेरे दीदार को तरस रही हैं आँखे मेरी
चले भी आओ इन्हें इंतज़ार आज भी है -------
@मीना गुलियानी
रे मन जपले नाम गुरूजी का
कटे यम फांसी रे
मुक्ति का पथ बतलाएँ तुमको
सीधी राह पे लाएँ वो तुमको
सारी विपदा टल जाती
मृत्यु टल जाती रे -----------
द्वार तेरे पे जो भी आते
मांगी मुरादें तुझसे हैं पाते
अंतर्मन में तुम्ही विराजे
घट घट वासी रे -----------------------
नैनन में कोई बसे न दूजा
करूँ मैं निशदिन तेरी ही पूजा
दिल की खिड़की खोलके पाया
प्रभु अविनाशी रे -------------------
@मीना गुलियानी
है तेरा ही हमें आसरा तुम्हें मैंने पुकारा है
देना शरण हमे अपनी तुम्हारा ही सहारा है
दिल से ध्याऊँ तुम्हें मैं मनाऊँ
तुम्ही से लौ लगाऊँ तू दर्श दिखा
दिल भोला है बेचारा तुम्हें --------------
कबसे मैंने ठाना तुझे अपना माना
दुनिया से बेगाना हूँ तेरा सदा
दे दो रहमत का इशारा तुम्हें ----------------
दर्श का दिल दीवाना तुम्हीं को पहचाना
न रूठो तुम दी दिल ने सदा
द्वारे पे दामन पसारा तुम्हें ------------------
@मीना गुलियानी
तेरा भवन है रंग रंगीला मैं तो आऊँगी
तेरे नाम की हो रही लीला मैं तो आऊँगी
बिगड़ी बनाये भाग्य जगाये मैं तो आऊँगी
द्वारे से तेरे गुरूजी मांगी मुरादें पायें
भक्त प्यारे दीवाने नाम को तेरे गाएँ
भजन सुनाते तुमको हैं ध्याते मैं तो आऊँगी
नाम तेरे की महिमा कितनी गुरूजी निराली
कभी लौटाया न दर से जो भी आया सवाली
गन तेरे गाएँ खुशियाँ मनाएँ मैं तो आऊँगी
तेरे भवन में गुरूजी कितने मेले लगते
अष्टमी के दिन गुरूजी सबकी झोली भरते
माँ की सवारी लगती है प्यारी मैं तो आऊँगी
@मीना गुलियानी
मेरा मन करे याद गुरूजी तुमको दुनिया से हमे लेना क्या
हर पल देती हमें ये धोखा ----------------------------------
-भला बुरा सबका सुनके हम
करें गुज़ारा गरीबी में ----------------------------------------
चारों तरफ दीखे अँधियारा
प्रकाश पायो सबूरी में -------------------------------------------
करें वंदना तेरी बनो तुम सहाई
क्यों गुमान अमीरी में -------------------------------------------
@मीना गुलियानी
तेरे भक्त पुकारें तुझे गुरूजी तुमको आना पड़ेगा
सांसो की डोर हाथ तेरे हमें जीना सिखाना पड़ेगा
तुझे हर पल ध्याते हैं हम , तेरे नाम को रटते हैं हम
माफ़ करदो गलती मेरी तुझे वचन निभाना पड़ेगा ------
मेरे सर पे तेरा हाथ हो,गुरूजी दर्शन की आस हो
चाहे दुनिया ठुकराए हमको ,तुमको साथ निभाना पड़ेगा ------
देखो जीवन ये बीत रहा रास्ता बड़ा मुश्किल भरा
कितनी पथरीली जीवन डगर है फिर भी रास्ता बनाना पड़ेगा ----
@मीना गुलियानी
दिल करता ओ गुरू महाराज मेरा दिल करता
दर तेरे पे आऊँ फूलों की माला पहनाऊँ
दर पे डेरे लगाऊँ ------------------------------
तेरा प्यारा भवन जी कितना रंगीला है
हर पल लग रही भक्तों की लीला है
करदो निहाल सबको ---जिसने पुकारा है ----
अपने भक्तों की तुम रखते हो लाज जी
तभी तो सारे भक्त करते हैं आस जी
बनके सवाली मैं भी----- दर तेरे आया --
दर्शन की प्यास मुझे कुछ भी न मांगू
दर्श जो भिक्षा दे दो कुछ न मांगू
भक्ति में डूबे सारे -----भक्तों ने पुकारा ------
@मीना गुलियानी
मिटेंगे दुःख तन के जी मन की लगन के
चले हम चले हम गुरूजी के द्वार
तेरा नाम हर पल गुरूजी ध्यायें
ऐसी कृपा करदो दर तेरे आएँ
खुले हैं भंडारे गुरु जी के द्वारे -------------
तेरी लीला का अंत न पाया
जिसने भी तेरा नाम ध्याया
खजाने भरे खाली वो करे रखवाली --------
सर पे मेहर का हाथ वो रखते
खुल जाएँ सारे तकदीर के रास्ते
गुरूजी साथ देते दुआएँ उनकी लेते --------
@मीना गुलियानी
मुझे दर्श दिखाओ मेरे गुरूजी, मेरी आँखों को दर्शन की प्यास है
नहीं लगता जिया ये तुम बिन , दिल मेरा हुआ ये उदास है
तुम बिन मनवा हरदम तरसे याद में नैना बरसते हैं
सुबह उठकर तेरा ध्यान लगाते दीद को हर पल तरसते हैं
तेरे दर्श की लगी मुझे प्यास है तू ही रहता दिल के पास है --------
तेरी याद में रोते रोते कितने सावन बीत गए
रोज़ सुबह से राह निहारें नैना मेरे भीग गए
जाने कबसे जिया ये उदास है तेरे दर्शन की इसे आस है -------
@मीना गुलियानी -
गुरूजी मुझे तुम दर्श दिखाओ , है टूटा मेरा दिल न इतना रुलाओ
तेरे बिन गुरूजी है कौन हमारा
सारी दुनिया में न कोई सहारा
पाई है ठोकर न तुम ठुकराओ ------------------------
तेरा नाम सुनके मैं आया तेरे दर
अब तक भटका हूँ दर बे -दर पर
थक मैं गया हूँ न तुम भी सताओ -----------------------
तेरा नाम दुनिया में छाया सुना है
तुम उपकार करते हो सबसे सुना है
मेरे मन की चिंता को आके मिटाओ ---------------------
@मीना गुलियानी
रिमझिम बरसे बादरवा गुरूजी का नाम बोले,
दर्श दिखाजा गुरूजी दर्श दिखाजा
दूर दूर से तेरे भक्त यहाँ आते हैं
प्रेम से श्रद्धा भाव से शीश झुकाते हैं
फूलों की वर्षा हो रही है प्रेमी जयकारे बुलाते
दर्श ------------------------------------------
तेरे द्वार पे झंडे गुरूजी झूल रहे झूल रहे
द्वारे तेरे पे नौबत बाजे गूंज रहे गूंज रहे
दिल की सदाएँ सुनते जो भी दुखियारा पुकारे
दर्श ----------------------------------------------
कृपा करो गुरूजी तेरे द्वार पे आता रहूँ आता रहूँ
श्रद्धा और प्रेम से तुझको ध्याता रहूँ ध्याता रहूँ
दिल में उमंगे भरके तुमको पुकारते आये
दर्श -------------------------------------------
@मीना गुलियानी
अब जाग रे बन्दे भोर भई , तू अब तक काहे सोवत है
उठ गुरूजी का तू ध्यान लगा , अपने मन मंदिर में उनको बिठा
उठ नींद से अखियाँ खोल ज़रा ,जग जागत है तू सोवत है --------------
मन चंगा करले तू अपना, छोड़ मोहमाया जग इक सपना
सपनों की दुनिया छोड़ दे तू ,क्यों बात बात पर रोवत है -------------------
गुरूजी से नाता जोड़ ले तू ,मन को मत भटका मोड़ ले तू
माया की गठड़ी सर पे तेरे,क्यों तू अज्ञान में खोवत है -------------
@मीना गुलियानी
गरीबों के हो नाथ गुरूजी तुमको पुकारा है
थाम लो हमको ,बढ़ती समय की धारा है
नैया मेरी तो मंझधार में फंस रही
निकालो तुम मंझधार से
लहरों की आंधी जीवन में चली
सम्भालो तुम पतवार से
देकर अपना साथ तूने भव से उबारा है -----
तेरी कृपा से ही जीवन संवर जाता
जो भी नाम को है ध्याता
पलट देते हो तकदीर को उसकी
जो भी गुण तेरे गाता
भटके राही को मिल जाए किनारा है -------
@मीना गुलियानी
छोड़के जग को सबने है जाना , भूल न जाना बन्दे समय न गंवाना
हम तो गुरूजी कुछ भी न जाने
मोहमाया से भरे हैं ख़ज़ाने
इन भूली बातों से हमको बचाना -------------------------------
आस का पंछी टूट न जाए
लिया है सहारा तेरा छूट न जाए
हर आफत से हमको बचाना -------------------------------------
जिसने भी गुरूजी तुमको पुकारा
चले आये देने तुम उसको सहारा
गुरुवर मेरी भी लाज बचाना -------------------------------------
ये दुनिया कपटी देती है धोखा
गुरूजी बदली तुमने किस्मत की रेखा
माया मोह से हमको छुड़ाना ----------------------------------------
@मीना गुलियानी
मैं तो आई गुरूजी दर तेरे , करो पूर्ण मनोरथ मेरे
काटो माया के ये बंधन मेरे ,नित रहें मेरा रास्ता घेरे
हम अज्ञानी हैं गुरूजी , ज्ञान तुम्हीं सिखलाना
हरदम तेरा नाम जपें हमको न बिसराना
गुरूजी काटो भ्रम जाल के घेरे -----------------
दिल में बसाया तुम्हें जिसने , उनपे कृपा तो करना
मोहमाया के बंधन को ,छुडाके सुख देते रहना
सिर पे हाथ रखो गुरूवर मेरे ----------------------
@मीना गुलियानी
जय जय गुरूजी जो तुमको ध्याता ,मांगी मुरादें वो पा जाता
जीवन सफल बनाता ------------------------------------
जब जब जिसने तुमको पुकारा ,आगे बढ़कर दिया है सहारा
हर भूले भटके प्राणी से जुड़ जाता इक नाता ----------------
बच्चे सब हैं गुरूजी तेरे, तेरे दर पर लगाए हैं डेरे
सबकी विनती सुनलो आकर ,सबके भाग्यविधाता ------------
चाहे तूफां आये जो पथ में,गुरूजी तुम्हारा हाथ बचाए
सर पर जिसके हाथ धरो तुम मुक्ति फल पा जाता ----------
@मीना गुलियानी
- तेरे नाम को ओ गुरूजी ध्याऊँ रोज सुबह और शाम
किसी ने जानी न तेरी माया किसी ने न भेद तेरा है पाया
लूटें माया मोह अज्ञान ------------------------------------
हम तो फंस गए बीच मंझधार तुम बिन कौन लगाए पार
गुरूजी थाम लो अब पतवार ----------------------------------
तू है सबका पालनहारा सबकी बिगड़ी बनाने वाला
काटो विपदा हमारी आन ------------------------------------------
@मीना गुलियानी
ये महल ये अटारी हरदम नहीं रहेगी
साँसों की गति से जिंदगी तेरी चलेगी
रख पूरा तू भरोसा गुरूजी हैं साथ तेरे
मुश्किल से वो उबारें रहते हैं संग तेरे
रख विश्वास उन पर मति तेरी भी संवरेगी
ले नाम का सहारा मिल जाएगा किनारा
क्यों खो रहे हैं पल पल साँस का पिटारा
किश्ती संभाल लेंगे नैया पार फिर लगेगी
मत सोच दिल में कुछ भी तेरी सोच बदल देंगे
जो भी तेरे हित में होगा वही फैंसला करेंगे
तज मोह के ये बंधन ये ही व्यथा है भारी
@मीना गुलियानी
रे मन अब तो चेत रे , बिरथा जन्म न जाए
काम क्रोध विषयों ने घेरा , गुरूजी हमको आसरा तेरा
काल ने पासा दिया फेंक रे ------बिरथा --------------
धन दौलत ये माया काया इससे तो मानव घबराया
कपट का धरकर भेस रे ---------बिरथा ----------------
गुरूजी खेवनहार हैं तेरे क्यों घबराये ऐ मन मेरे
सँवारे किस्मत का लेख रे --------बिरथा ---------------
गुरूजी पालनहार हैं तेरे न घबराना ऐ मन मेरे
खेवनहार तेरी नाव के रे ---------बिरथा -------------------
@मीना गुलियानी -
लिए आँखों में दो आँसू तेरे दरबार हम आये
नज़र भर देखलो मुझको मेरे दो नैन भर आये
यदि ये जान प्यारी है करूँ कुर्बान चरणों में
करूँ उस जिंदगी का मैं जो किसी काम न आये ----
हमारी जान जाती है गुरूजी अब सम्भालो तुम
कृपा करो नाथ अब मुझ पर जुबां से कह नहीं पाए -----
गुरूजी दिल की सुनते हैं मुरादें पूरी करते हैं
अपना दिल सौंपकर देखो मुरादें गुरूजी से पायें --------
@मीना गुलियानी
झूठी इस दुनिया से मैं तो मुख मोड़के
मैं आई रे तेरे द्वारे सारे नाते तोड़ के
द्वार मिला मेरा भाग्य खुला मुझको तेरा दीदार मिला
खुशियों के मेले लगे मुझे अनुराग मिला
जाना न कभी दिल तोड़के जी तोड़के -------------------
डोर बंधी तेरे रंग में रंगी चली आई तेरे दर्शन को
नाम रटूँ हरदम मुझको खुमार मिला
दुनिया से नाते सारे तोड़के जी तोड़के ----------------------
मैं अज्ञानी ज्ञान सीखा दो हमको तुमसे आस है
गुरूजी तुम सुनते हो सबकी हमको विश्वास है
खोले हैं भंडारे दिल खोलके जी खोलके ---------------------
@मीना गुलियानी
मैं गुरूजी के द्वारे चली रे , लेके फूलों हार और श्रद्धा अपार
करने जीवन का उद्धार------------ मैं तो चली रे -------------
तेरे नाम को जो भी ध्याये वो तो झोली भरा के ले जाए
जो भी दर्शन को आया नया जीवन उसने पाया
जिन्दगानी उसकी तो बनी रे -------------------------------
जो भी श्रद्धा लेके आया गुरूजी ने नसीब जगाया
पहले जपते जो नाम उनको देते हैं वो धाम
उसकी सारी विपदा टली रे --------------------------------
@मीना गुलियानी
आओ मेरे गुरूजी महाराज तुझे तेरे भक्त बुलाते हैं
आके विनती ज़रा सुनलो तेरा ही ध्यान लगाते हैं
माया लोभ ने लूटा हमें तृष्णा ने बड़ा सताया
दुनिया की मोहमाया में गुरूजी नाम न तेरा ध्याया
अब जीवन न जाए बीत ------------------------------
गम से भरी इस दुनिया में गुरूजी कोई न मेरा सहारा
हर पल तेरी ही राह देखूँ सूझे न कोई किनारा
मेरे पाँव पड़ी जंजीर ---------------------------------
लागी लगन हुई मैं तो मगन गुरूजी तुम हमें अपनाना
दुनिया के रिश्ते झूठे हैं सारे तुम हमको न ठुकराना
आये शरण निभाना प्रीत -----------------------------
@मीना गुलियानी
ओ मेरे गुरु जी हम तो आ गए तेरे द्वार पे
जाने तुझको खबर कब होगी
कशी मथुरा से भी सुंदर देखा धाम तिहारा
हर दुःख से पीड़ित दुखिया को मिलता यहाँ सहारा ------
छोड़के सारे रिश्ते नाते तुझसे जोड़ा नाता
तुम्हेँ बसाया अंतर्मन में तुम ही भाग्य विधाता ----------
सारे जग वालों ने दाता हमको है ठुकराया
छोड़के जग की मोहमाया मैं शरण तिहारी आया -----------
पाप गठरिया सर पर धरकर पछतायें हम भारी
गुरूजी आओ शरण लगाओ विपदा हरलो सारी ---------
@मीना गुलियानी
आई गुरूजी मैं दर पर तेरे करो पूर्ण मनोरथ मेरे
काटो माया के बंधन मेरे नित रहें मेरा रास्ता घेरे
मैं तो गुरु जी हूँ अज्ञानी तुम हो दयालु दाता
छोड़ के जग की हर ममता जोड़ा तुम संग नाता
मैंने पकड़े चरण आज तेरे ------करो -----------
दिल में बसाई मूरत तेरी सुनते हो बिनती दाता
तुमसा दयालु कोई नहीं ये संसार बताता
मैंने डाले तेरे दर पर डेरे ------करो ---------------
नाम तेरे रटती ही रहूँ इतनी कृपा बरसाना
दिल में हमेशा समाये रहो भव से पार लगाना
तेरे धाम में लगा लूँ डेरे -------करो --------------
@मीना गुलियानी
मेरा कोई सहारा नहीं जग में लिया तेरा एक सहारा है
सब रिश्ते नाते झूठे हैं तुमको ही आज पुकारा है
तुम विनती सुनते हो सबकी आशा पूर्ण करते सबकी
मैं और तो कुछ भी मांगू न तेरे नाम पे सब कुछ वारा है -----
गुरूजी तुम बहुत दयालु हो मेरी विनती सुनने वाले हो
तेरा दर सबसे अच्छा लगे यहाँ मिलता सबको सहारा है -----
लाखों को तूने तार दिया कितनों का बेड़ा पार किया
हुई भूल गर तो माफ़ करो तेरा ही नाम पुकारा है ------
@मीना गुलियानी
मैं तो भूल गया दुनिया में आ ,नाम को जपाने वालया
तेरी भक्ति करूँ कैसे आज रास्ता दिखाने वालया
भूल गया सब कुछ दुनिया में आके
बिसरा है सब कुछ नाम को भुलाके
हमें सीधा मार्ग दिखा -------------------
हर पल ठोकर खाते हैं हम तो
अपना नाम जपा दो हमको
हमारा अज्ञान मिटा ----------------------
तेरे सिवा कोई भाए न दूजा
हर पल तेरी ही करती हूँ पूजा
सारे बंधन आज छुड़ा ---------------------
@मीना गुलियानी
जो भी गुरु जी तेरी शरण आया , हर वरदान उसने है पाया
तेरा नाम जपके वो तर गया
दुनिया की भंवर से वो उतर गया
तेरे नाम को जिसने है ध्याया --------------------------------
छोड़ दे जग के हर जंजाल ,
जोड़ गुरुजी से प्रीत हो जा निहाल
तारे उसको जो शरण में आया ---------------------------------
तेरी भक्ति सम और नहीं
मेरी दुनिया में कोई ठोर नहीं
करो कृपा शरण तेरी आया -----------------------------------------
@मीना गुलियानी